बांग्लादेश संकट: बांग्लादेशी हिंदूओं ने बॉर्डर पर डाला डेरा, भारत से बुलावे की तक रहे राह, सेना ने बढ़ाई चौकसी
- बांग्लादेश में जारी संकट के बीच भारत की तरफ भाग रहे अल्पसंख्यक
- कूचबिहार के पास सीमा के उस तरफ इकट्ठा हुए सैंकड़ों हिंदू
- सरकार ने सीमा पर तैनात किए 157 बटालियन के जवान
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। बांग्लादेश में हालाता बेहद तनावपूर्ण हैं। तख्तापलट के बाद वहां हिंदुओं को टारगेट किया जा रहा है। ऐसे में वहां रहने वाले हिंदू भारत-बांग्लादेश सीमा पर कूचबिहार जिले के कंटीले तारों की दूसरी ओर एकत्रित हो गए हैं। हालातों को देखते हुए वहां बीएसएफ की 157 बटालियन के जवानों को तैनात कर दिया है।
भारत आने की उम्मीद में खड़े हिंदू
बता दें कि बांग्लादेश में रहने वाले हिंदू समुदाय के लोग बॉर्डर के उस तरफ केवल 400 मीं दूर गैबंडा जिले के गेंडुगुरी और दैखवा गांवों में इकट्ठे हो गए हैं। वह शुक्रवार से ही वहां इस उम्मीद में खड़े हैं कि किसी भी तरह उन्हें भारत में प्रवेश मिल जाए। वहीं दूसरी तरफ भारत के कूचबिहार में कंटीले तारों की बॉर्डर के पास पठानटुली गांव में पर्याप्त संख्या में बीएसएफ के जवान तैनात किए गए हैं। जवानों द्वारा इलाके में लगातार गश्त की जा रही है।
दरअसल, बांग्लादेश में मची उथल-पुथल के बीच यह आशंका थी कि वहां के अल्पसंख्यक खासतौर से हिंदू भारत में घुसपैठ कर सकते हैं। कुछ जगह पर ऐसा हुआ भी। जिसे देखते हुए सरकार ने बॉर्डर पर एक्सट्रा जवानों की तैनाती की है।
केंद्र सरकार ने की समिति गठित
वहीं दूसरी बांग्लादेश में चल रही स्थिति को देखते हुए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने बांग्लादेश सीमा पर मौजूदा स्थिति की निगरानी के लिए एक समिति का गठन किया है। जो कि बांग्लादेश में अपने समकक्ष अधिकारियों के साथ कम्युनिकेशन चैनल बनाए रखेगी। जिससे वहां रहने वाले भारतीय नागरिकों, हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यक समुदायों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। समित की अध्यक्षता एडीजी, सीमा सुरक्षा बल, ईस्ट कमांड करेंगे।
इससे पहले बंगाल के जलपाईगुड़ी में भारत-बांग्लादेश बॉर्डर पर एक हजार से ज्यादा बांग्लादेशी पहुंचे। वह सीमा पार कर भारत में आना चाहते थे। लेकिन उनके घुसपैठ करने के प्रयास को बीएसएफ ने असफल कर दिया। जिन लोगों को बीएसएफ ने सीमा पर रोका उनमें ज्यादातर हिंदू हैं। उनका कहना है कि बांग्लादेश में उनके घर जलाए जा रहे हैं। वो भारत में शरण लेना चाहते हैं। वहीं सीमा के इस तरफ यानी भारत में रहने वाले हिंदू उनके आगमन से आशंकित हैं। उनका कहना है कि यदि बांग्लादेश से इस तरह लोग आते रहे तो उनके खाने के लाले पड़ जाएंगे। यही वजह है कि वो नहीं चाहते कि बांग्लादेश से कोई यहां शरण ले।