पूर्व सीएम की प्रतिक्रिया: सीएम पद छोड़ने के बाद अरविंद केजरीवाल की पहली प्रतिक्रिया, बताया क्यों छोड़ा सीएम पद

  • केजरीवाल ने किया 'जनता की अदालत' संबोधित
  • अरविंद केजरीवाल ने बताया कि क्यों छोड़ी सीएम की कुर्सी
  • 'जनता का प्यार कमाया' अरविंद केजरीवाल

Bhaskar Hindi
Update: 2024-09-22 09:21 GMT

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दिल्ली के जंतर-मंतर पर आम आदमी पार्टी की तरफ से एक कार्यक्रम का आयोजन हुआ। जिसका नाम "जनता की अदालत" था। इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए केजरीवाल ने कहा, "4 अप्रैल, 2011 का दिन था जब भ्रष्टाचार विरोधी अन्ना हजारे आंदोलन शुरू हुआ था। हम ईमानदारी से सरकार चला रहे थे, जनता को सुविधाएं दे रहे थे। बिजली फ्री की, पानी फ्री किया, महिलाओं के लिए बस फ्री की, बुजुर्गों के लिए तीर्थ यात्राएं फ्री की। साथ ही अस्पताल, मोहल्ला क्लीनिक और स्कूल बनवाए। 10 वर्षों से ईमानदारी से काम करते आ रहे हैं। तो नरेंद्र मोदी को लगा कि इनसे जीतना है तो ईमानदारी पर चोट करो। इसलिए उन्होंने हम पर भ्रष्टाचार के झूठे आरोप लगाए। हमारे मंत्रियों और नेताओं को चुन-चुनकर जेल में डाला।"

संबोधन में किया इस्तीफे का जिक्र

अरविंद केजरीवाल ने अपने संबोधन में अपने सीएम पद से इस्तीफे देने पर कहा, "मैंने इस्तीफा इसलिए दिया है क्योंकि सीएम की कुर्सी की भूख नहीं है। मुझे पैसे नहीं कमाने। हम देश की राजनीति बदलने आए थे। मैं नेता नहीं हूं, मेरी मोटी चमड़ी नहीं है। भाजपा वाले जब मुझे चोर और भ्रष्टाचारी कहते हैं तो मुझे फर्क पड़ता है। दुख भी होता है। मैं आज इसलिए यहां आया हूं क्योंकि मैं अंदर से पीड़ित और दुखी हूं। थोड़े दिन में मुख्यमंत्री आवास छोड़ दूंगा। आज मेरे पास घर भी नहीं है, लेकिन लोगों का प्यार खूब मिला है। दिल्ली के कई लोगों का मैसेज आया कि आप मेरे घर आकर रहो।"

'जनता का प्यार कमाया' अरविंद केजरीवाल

अरविंद केजरीवाल ने आगे कहा, "भ्रष्टाचार किया होता तो 10 साल में 10 कोठी और घर बन जाते। लेकिन 10 साल में जनता का प्यार कमाया है। ये केस इतनी जल्दी नहीं खत्म होने वाला है। पता नहीं कितने दिन चलेगा। तब तक मैं भ्रष्टाचार के दाग के साथ मुख्यमंत्री की कुर्सी पर नहीं बैठ सकता था। इस दाग के साथ मैं जिंदा नहीं रह सकता। इसलिए मैंने इस्तीफा देकर जनता की अदालत में जाना तय किया। यहां मौजूद दिल्ली की जनता बताए, मैं बेइमान होता तो बिजली फ्री कर पाता? बिजली फ्री करने में 3000 करोड़ रुपये लगते हैं। बेइमान होता तो महिलाओं का बस का किराया फ्री होता या बच्चों के स्कूल बनते?"

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