पूजा खेडकर को मिला कोर्ट से झटका: अग्रिम जमानत याचिका हुई खारिज, एक दिन पहले UPSC ने सिलेक्शन किया था रद्द, परीक्षा देने पर लगाई थी पाबंदी
- पूर्व आईएएस अफसर पूजा खेडकर को कोर्ट से मिला बड़ा झटका
- एग्जाम में फर्जीवाड़ा करने वाले अन्य उम्मीदवारों की जांच के आदेश भी दिये
- एक दिन पहले सिलेक्शन हुआ था रद्द
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। विवादों में रही पूर्व आईएएस अफसर पूजा खेडकर को कोर्ट से बड़ा झटका मिला है। दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने गुरुवार को उनकी अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी है। इसके साथ ही कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को UPSC के एग्जाम में फर्जीवाड़ा करने वाले अन्य उम्मीदवारों की जांच करने का आदेश दिया है।
कोर्ट ने पुलिस को दिए अपने आदेश में यह भी कहा है कि यदि UPSC का कोई कर्मचारी इस फर्जीवाड़ा में शामिल हो तो उसकी भी जांच की जाए। बता दें कि पूजा पर उम्र, माता-पिता के बारे में गलत जानकारी और पहचान में गड़बड़ी कर तय सीमा से ज्यादा बार परीक्षा देने का आरोप था। यूपीएससी (संघ लोक सेवा आयोग) ने जब पूजा के डॉक्यूमेंटों की जांच की तो उन्हें सीएसई-2022 नियमों के उल्लंघन का दोषी पाया। इसके बाद आयोग ने उनके खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई।
परीक्षा में धोखाधड़ी और जालसाजी के मामले में गिरफ्तारी से बचने के लिए पूजा ने कोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका लगाई थी। कोर्ट में आयोग की तरफ से पेश हुए वकील ने कहा था कि पूजा ने सिस्टम को धोखा दिया है। वह साधन संपन्न हैं और ऐसी संभावना है कि भविष्य में उनके द्वारा कानून का दुरुपयोग हो सकता है। कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद बुधवार को फैसला सुरक्षित रख लिया था।
इससे पहले यूपीएससी (संघ लोक सेवा आयोग) ने बड़ा एक्शन लेते हुए उनका सिलेक्शन रद्द कर दिया। इसके साथ ही आयोग ने उनके भविष्य में किसी भी एग्जाम में भाग लेने पर रोक लगा दी है। यूपीएससी ने बयान जारी कर इस बारे में जानकारी दी। आयोग ने कहा कि जांच में यह पाया गया कि आईएएस पूजा ने सीएसई-2022 की नियमों का उल्लघंन किया है। उन्होंने अपना, अपने माता-पिता का नाम, सिग्नेचर, फोटो, ईमेल आईडी, मोबाइल नंबर और पता बदलकर का एग्जाम दिया था।
ट्रेनिंग के दौरान भी हुआ था विवाद
ट्रेनिंग के दौरान पूजा पर पद का गलत इस्तेमाल करने और खराब व्यवहार करने के आरोप भी लगे थे। पुणे के डिस्ट्रिक्ट कलेक्टर सुहास दिवासे की शिकायत पर पूजा का ट्रांसफर पुणे से वाशिम कर दिया गया था। इसके बाद उन पर धांधली कर परीक्षा पास करने का आरोप भी लगा। उनकी ट्रेनिंग रोक उन्हें वापस मसूरी के लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासनिक अकादमी बुला लिया गया।