मणिपुर हिंसा: सेना के एक और जवान का अपहरण, घर से उठा के ले गए अज्ञात लोग, तलाशी अभियान जारी
- मणिपुर में सेना के जवान का अपहरण
- जवान की पहचान जेसीओ कोनसम खेड़ा सिंह के रुप में हुई
- तलाशी अभियान में जुटी सुरक्षा बलों की टीम
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। हिंसा की आग में जल रहे भारत के पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर में रोज खूनी झड़प, लूटमार और अपहरण जैसी घटनाएं हो रही हैं। शुक्रवार को भारतीय सेना के जूनियर कमीशंड आधिकारी (जेसीओ) का राज्य के थौबल स्थित उनके घर से अपहरण (किडनैप) हो गया। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक किडनैप हुए जवान की पहचान जेसीओ कोनसम खेड़ा सिंह के रुप में हुई है।
बताया जा रहा है कि शुक्रवार की सुबह कुछ अज्ञात लोग गाड़ी में सवार होकर उसके घर पर और उसे जबरदस्ती उठाकर ले गए। इस घटना की जानकारी सुरक्षा एजेंसियों को दे दी गई है। अगवा किए गए सेना के जवान को खोजने के लिए तलाशी अभियान चलाया जा रहा है। पुलिस के एक अधिकारी के मुताबिक, हम नेशनल हाईवे 102 से आने-जाने वाले सभी वाहनों की जांच कर रहे हैं। हमें नहीं पता कि उनका अपहरण क्यों किया गया है और इसके पीछे क्या उद्देश्य है?
हालांकि अंदेशा लगाया है कि यह जबरन वसूली का मामला हो सकता है क्योंकि किडनैप किए हुए जवान के परिवार को पहले भी इस तरह की कई धमकियां मिल चुकी हैं।
अपहरण की चौथी घटना
राज्य में पिछले साल के मई महीने से शुरू हुए संघर्ष के बाद से यह चौथी घटना है जब सेना के जवान या फिर उनके परिवार के किसी सदस्य को किडनैप किया गया है। सबसे पहला मामला सितंबर 2023 में राज्य के लीमाखोंग से आया था जहां डिफेंस सर्किस कोर में तैनात असम रेजिमेंट के रिटायर सैनिक सर्टो थांगथांग कोम को अज्ञात सशस्त्र लोगों के ग्रुप ने किडनैप कर लिया था।
दूसरा मामला दो नवंबर 2023 का है जब अज्ञात हमलावरों ने सेना में तैनात एक जवान के परिवार के चार लोगों को किडनैप कर लिया था। ये सभी चुराचांदपुर से लीमाखोंग जा रहे थे। अपहरणकर्ताओं ने चार में से तीन लोगों की हत्या कर दी थी जबकि एक भागने में कामयाब रहा था।
तीसरी घटना राजधानी इंफाल की है जहां मणिपुर पुलिस में असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर अमित के घर मैतेई समुदाय के लोगों ने हमला कर उनका अपहरण कर लिया था। दरअसल, अमित ने कुछ दिन पहले वाहन चोरी के आरोप में मैतेई समुदाय के 6 लोगों को गिरफ्तार किया था।
बता दें कि 3 मई 2023 से राज्य के मैतेई समुदाय को एसटी का दर्जा देने की मांग को लेकर भड़की हिंसा अभी तक जारी है। कुकी और मैतेई समुदाय के बीच चल रहे इस संघर्ष में अब तक 219 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 1100 से ज्यादा घायल हो चुके हैं। वहीं इसके चलते अब तक करीब 65 हजार लोग राज्य से दूसरे राज्य में पलायन कर चुके हैं।