हरियाणा के 14 गांव साइबर जालसाजों के नए हॉटस्पॉट

साइबर क्राइम

Bhaskar Hindi
Update: 2023-05-07 10:29 GMT
14 Haryana villages new hotspots of cyber fraudsters
डिजिटल डेस्क, गुरुग्राम। हरियाणा के नूंह जिले के 14 गांव साइबर क्राइम के नए हॉटस्पॉट के रूप में उभर रहे हैं, और वहां के ज्यादातर युवा चोरी के हाई-एंड मोबाइल फोन का इस्तेमाल कर अपराध में लिप्त हो रहे हैं।

पुलिस ने यह खुलासा 125 साइबर अपराधियों से पूछताछ के बाद किया है। इन साइबर अपराधियों को 5,000 से अधिक पुलिसकर्मियों वाली 102 टीमों ने गिरफ्तार किया था। टीमों के द्वारा 27 अप्रैल को 14 गांवों के 300 ठिकानों पर छापेमारी की गई थी।

पुलिस ने पिनंगवा, पुन्हाना, फिरोजपुर झिरका, नई, अमीनाबाद, तिरवारा, जैमत और बिछोरे इलाकों में चिन्हित 14 गांवों में छापेमारी की थी। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, पुलिस ने पहले खेड़ला, लुहिंगा खुर्द, लुहिंगा कलां, गोकलपुर, गोधोला, अमीनाबाद, महू, गुललता, जयमत, जाखोपुर, नई, तिर्वारा, माम्लिका और पापड़ा को साइबर क्राइम हॉटस्पॉट के रूप में चिन्हित किया था।

पुलिस ने कहा कि आरोपियों ने ओएलएक्स पर वाहन बेचने, केवाईसी डेटा मांगने, कर्ज देने और यहां तक कि जबरन वसूली के नाम पर लोगों को ठगा।

सबसे दिलचस्प बात यह है कि हैकर्स ने केवल 12वीं कक्षा तक पढ़ाई की है, जबकि कुछ अनपढ़ भी हैं और उनमें से कुछ के सिर पर इनाम भी है। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि पहले अनपढ़ युवा, जो वाहन चोरी, फोन छीनने, पशु तस्करी और अन्य अपराधों में शामिल थे, वे प्रशिक्षित होने के बाद पिछले दो वर्षों में साइबर अपराध से जुड़ गए।

छापेमारी के दौरान पुलिस ने सबसे अधिक 31 साइबर अपराधी नाई गांव से, 25 लुहिंगा कलां गांव से, 20-20 जैमत और जाखोपुर से, 17-17 खेड़ला और तिरवारा से और 11 अमीनाबाद से गिरफ्तार किया था। संदिग्धों के पास से कुल 66 स्मार्टफोन, 65 फर्जी सिम, 166 आधार कार्ड, तीन लैपटॉप, विभिन्न बैंकों के 128 एटीएम कार्ड, दो एटीएम स्वाइप मशीन, एक एईपीएस मशीन, छह स्कैनर, पांच पैन कार्ड आदि बरामद किए गए थे।

पुलिस जांच में पता चला है कि छापे के दौरान पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए अधिकांश युवकों को राजस्थान के भरतपुर जिले के जुरेहेड़ा और घमड़ी गांवों में प्रशिक्षित किया गया था। पुलिस ने कहा कि हरियाणा-राजस्थान सीमा पर स्थित दो गांव साइबर अपराध प्रशिक्षण केंद्र के रूप में उभरे हैं।

ये दोनों गांव फर्जी सिम कार्ड और दस्तावेज मुहैया कराते हैं जो बैंक खाते खोलने में मदद करते हैं। सबसे ज्यादा खाते उत्तर प्रदेश और राजस्थान में खोले गए। पुलिस ने खुलासा किया कि आरोपी ज्यादातर नौकरी चाहने वालों, वरिष्ठ नागरिकों और छात्रों को निशाना बनाते थे। उन्होंने कहा कि आरोपी आमतौर पर राजस्थान और हरियाणा के सीमावर्ती इलाकों में अपराध करते थे क्योंकि अपराधियों के मोबाइल स्थानों को ट्रैक करना मुश्किल होता है।

नूंह केएसपी वरुण सिंगला ने कहा कि हम विभिन्न कोणों से मामले की जांच कर रहे हैं और साइबर अपराधियों पर नकेल कसने के लिए आसपास की राज्य पुलिस से भी मदद मांगेंगे। हम मामलों को सुलझाने में मदद के लिए साइबर विशेषज्ञों की मदद ले रहे हैं।

आईएएनएस

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