दिल्ली शराब घोटाला मामला: किसी भी फाइल पर साइन ना कर पाने वाली सूचना को ठहराया वकील सिंघवी ने गलत, CM केजरीवाल की जमानत के बाद कही यह बात

  • सीएम के जेल से बाहर आने के बाद वकील ने बताई असली वजह
  • सिर्फ शराब नीति मामले से जुड़ी फाइलों को नहीं कर पाएंगे साइन
  • AAP प्रमुख पर कोई नई शर्त नहीं- सिंघवी

Bhaskar Hindi
Update: 2024-09-14 03:12 GMT

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को शराब घोटाला केस में जमानत मिलने के बाद उनके वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने जमानत की शर्तों से जुड़ी कुछ चीज साफ कर दी है। उनका कहना है कि यह जानकारी गलत है कि जेल से बाहर आने के बाद सीएम केजरीवाल किसी भी फाइल पर हस्ताक्षर नहीं कर सकेंगे। मालूम हो की सुप्रीम कोर्ट ने 13 सितंबर को सीएम केजरीवाल को सीबीआई केस में जमानत दे दी है। 

दरअसल, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल कथित शराब घोटाले के चलते 21 मार्च को गिरफ्तार हुए थे। उन्हें प्रचार-प्रसार के लिए सुप्रीम कोर्ट ने 10 मई को जेल से बाहर आने की अनुमति दी थी। जिसके बाद 2 जून को उन्होंने सरेंडर कर दिया था। इस मामले में ED और CBI जांच कर रही हैं। मालूम हो कि, सुप्रमीम कोर्ट ने सीएम को ईडी के मामले में 12 जुलाई को ही जमानत दे दी थी। वहीं, 13 सितंबर को उन्हें CBI केस में भी जमानत मिल गई है।

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फाइल पर साइन ना करने वाली बात गलत- सिंघवी

AAP प्रमुख के वकील सिंघवी ने न्यूज चैनल से बात करते हुए यह साफ कर दिया कि केजरीवाल की जमानत शर्तों को लेकर गलत सूचना दी जा रही है। उन्होंने कहा- यह गलत सूचना फैलाई जा रही है कि अरविंद केजरीवाल किसी भी फाइल पर दस्तखत नहीं कर सकते हैं। दिल्ली सीएम सभी फाइलों पर साइन कर सकते हैं, उन फाइलों के अलावा जो शराब नीति केस से जुड़ी हैं, जिसके तहत उन्हें अरेस्ट किया गया था।

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यह कहना राजनीतिक है कि वह काम नहीं कर सकते- वकील

अभिषेक मनु सिंघवी ने आगे कहा- 12 जुलाई के सुप्रीम कोर्ट के आदेश में यह कहा गया कि अरविंद केजरीवाल उन सभी फाइलों पर दस्तखत कर सकते हैं, जो उपराज्यपाल के पास जानी हैं। जो फाइलें अन्य लोगों के पास हैं, उन पर उनके मंत्री साइन करते हैं। यह कहना राजनीतिक है कि वह काम नहीं कर सकते। मैं बस इतना कहना चाहता हूं कि एक इलेक्टेड सीएम को इस तरह के षड्यंत्र अपनाकर नहीं हटाया जाना चाहिए। 

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