US: ट्रंप को खाड़ी में अपने 70 हजार जवानों की चिंता, इसलिए की शांति की पहल!
US: ट्रंप को खाड़ी में अपने 70 हजार जवानों की चिंता, इसलिए की शांति की पहल!
- खाड़ी देशों में 70 हजार सैनिक और 100 आर्मी बेस मौजूद हैं
- डोनाल्ड ट्रम्प ने ईरान पर कार्रवाई न करने का संदेश दिया
डिजिटल डेस्क, वाशिंगटन। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने बुधवार रात मीडिया ब्रीफिंग में ईरान पर किसी तरह की सैन्य कार्रवाई नहीं करने का संदेश दिया। अंतरराष्ट्रीय विश्लेषकों का मानना है कि ऐसा ट्रम्प ने इसलिए किया, ताकि खाड़ी के 20 देशों में अमेरिका के मौजूद करीब 70 हजार सैनिकों और 100 सैन्य बेसों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
वहीं, ईरान ने बुधवार सुबह इराक स्थित 2 मिलिट्री बेसों पर 22 मिसाइलें दागीं। इनमें ऐन अल-असद और इरबिल बेस शामिल हैं। हालांकि मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि ईरान ने जानबूझकर इन अमेरिकी ठिकानों पर मिसाइलें नहीं गिराईं। ताकि अमेरिकी हमलों से बचा जा सके। सैटेलाइट इमेज में भी यह साफ नजर आ रहा है।
ईरान की फारस न्यूज एजेंसी के मुताबिक, ऐन अल-असद एयर बेस पर फतेह-313 मिसाइल से हमला किया गया। यह एयर बेस बगदाद से 233 किमी दूर स्थित है। फतेह मिसाइल का ईरान ने 2015 में परीक्षण किया था। इसकी मारक क्षमता 500 किमी है। 40 साल में ईरान द्वारा यह अमेरिका पर पहला सीधा हमला है। इससे पहले 1979 में ईरान ने तेहरान स्थित दूतावास में अमेरिका के 52 राजनयिकों को एक साल तक कैद कर रखा था।
ईरानी रक्षा मंत्री आमिर हातामी ने कहा कि यदि अमेरिका इस हमले के जवाब में हम पर कोई और हमला करता है, तो हम उसे पूरा जवाब देंगे, लेकिन विदेश मंत्री जावेद जरीफ ने कहा कि यह हमला हमने आत्मरक्षा के लिए किया। हम युद्ध नहीं चाहते हैं। वहीं, यूरोपीय और नाटो एकजुटता दिखाते हुए हमले की निंदा की है।
इराक बोला- ईरान ने हमले के बारे में बताया था
इराकी पीएम आदिल अब्दुल मेहदी ने कहा कि ईरान ने इस मिसाइल हमले के बारे में उन्हें पहले ही जानकारी दे दी थी। वहीं, अमेरिकी अधिकारियों की मानें तो उनके आधुनिक डिटेक्शन सिस्टम की बदौलत सैनिकों को पहले ही मिसाइल हमले की चेतावनी मिल गई थी, जिससे वे बंकर में छिप गए।
संयम बरतने की अपील
बता दें कि, अमेरिका और ईरान के बीच जारी तनातनी के चलते दुनियाभर में तीसरे विश्व युद्ध की चर्चा होने लगी है। दोनों ही देश एक-दूसरे को लगातार धमकी दे रहे हैं। इस बीच भारत, फ्रांस, रूस और तुर्की सहित दुनियाभर के कई देशों ने अमेरिका और ईरान से संयम बरतने की मांग की है।