Hong Kong: नए कानून के तहत पहली गिरफ्तारी, प्रदर्शन कर रहे करीब 70 लोगों को पुलिस ने अरेस्ट किया, देखें तस्वीरें
Hong Kong: नए कानून के तहत पहली गिरफ्तारी, प्रदर्शन कर रहे करीब 70 लोगों को पुलिस ने अरेस्ट किया, देखें तस्वीरें
- नए कानून के लागू होने के 24 घंटे से कम समय में ये गिरफ्तारियां की गई
- नए कानून के विरोध में प्रदर्शन कर रहे करीब 70 लोगों को गिरफ्तार किया
- नेशनल सिक्योरिटी लॉ के तहत हॉन्ग कॉन्ग पुलिस ने पहली गिरफ्तारी की
डिजिटल डेस्क, हॉन्ग कॉन्ग। चीन की केंद्र सरकार की ओर से लागू किए गए नेशनल सिक्योरिटी लॉ के तहत हॉन्ग कॉन्ग पुलिस ने पहली गिरफ्तारी की है। बुधवार की पुलिस ने हॉन्ग कॉन्ग की स्वतंत्रता की मांग और नए कानून के विरोध में प्रदर्शन कर रहे करीब 70 लोगों को गिरफ्तार किया है। इनमें से कुछ को नए कानून और अन्य को अलग-अलग धाराओं में गिरफ्तार किया गया है। नेशनल सिक्योरिटी लॉ के लागू होने के 24 घंटे से कम समय में ये गिरफ्तारियां की गई है। बता दें कि चीन की नेशनल पीपल्स कांग्रेस की स्थायी समिति ने मंगलवार को सर्वसम्मति से हॉन्ग कॉन्ग के लिए नेशनल सिक्योरिटी लॉ को पारित कर दिया। इस कानून के पारित होने से हॉन्ग कॉन्ग के अधिकारों, स्वायत्तता में कटौती हो गई है।
पुलिस ने रबर बुलेट और पेप्पर बॉल्स का उपयोग किया
बीजिंग के नेशनल सिक्योरिटी लॉ को लेकर हजारों लोग बुधवार को एकत्र हुए और स्वतंत्रता के लिए नारे लगाए। इस दौरान पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को अलग-अलग दिशाओं में धकेल दिया। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को खदेड़ने के लिए रबर बुलेट और पेप्पर बॉल्स का उपयोग किया। कुछ पुलिसकर्मी भी प्रदेर्शनकारियों को अरेस्ट करने के दौरान घायल हुए। ट्विटर पर पुलिस के एक बयान के अनुसार, प्रदर्शनकारियों को कानून के उल्लंघन के मामले में कई चेतावनी जारी की गई थी जिसके बाद शहर के कॉजवेबे शॉपिंग डिस्ट्रिक्ट में हॉन्ग कॉन्ग की स्वतंत्रता का झंडा थामे एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया। बाद में पुलिस ने एक महिला को भी इस मामले में गिरफ्तार किया जो हॉन्ग कॉन्ग की स्वतंत्रता के लिए ब्रिटिश फ्लैग दिखा रही थी। इस कानून के उल्लंघन के मामले में कई अन्य लोगों को भी गिरफ्तार किया गया है।
कानून के पारित होने से हॉन्ग कॉन्ग के अधिकारों, स्वायत्तता में कटौती
बता दें कि चीन की नेशनल पीपल्स कांग्रेस की स्थायी समिति ने मंगलवार को सर्वसम्मति से हॉन्ग कॉन्ग के लिए नेशनल सिक्योरिटी लॉ को पारित कर दिया। इस कानून के पारित होने से हॉन्ग कॉन्ग के अधिकारों, स्वायत्तता में कटौती हो गई है। इस कानून में जेल में अधिकतम सजा उम्रकैद है। जानकारों का कहना है कि नेशनल सिक्योरिटी लॉ के पास होने से राष्ट्रीय सुरक्षा के नाम पर हॉन्ग कॉन्ग की आजादी अब खत्म हो जाएगी। राजद्रोह और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरे की परिभाषा तय करने का अधिकार अब चीन और उसकी कठपुतली चीफ एक्जीक्यूटिव सरकार को मिल गया है। इस लॉ के बहाने अब लोकतंत्र समर्थकों और आजाद हॉन्ग कॉन्ग की मांग करने वालो को निशाना बनाया जाएगा। जानकार इसे हॉन्ग कॉन्ग की लोकतंत्र की उम्मीदों के ताबूत में आखिरी कील बता रहे हैं।
हॉन्ग कॉन्ग को अपने कब्जे में लेना चाहती है चीनी सरकार
1997 में हॉन्ग कॉन्ग की 99 साल की लीज खत्म होने से पहले 1984 में ब्रिटिश प्रधानमंत्री मार्गरेट थैचर और चीन के प्रमुख झाओ ज़ियांग ने सीनो ब्रिटिश जॉइंट डिक्लेरेशन पर साइन किया था। इस डिक्लेरेशन के तहत दोनों देश इस बात पर राजी हुए कि चीन 50 साल के लिए "एक देश-दो व्यवस्था" की नीति के तहत हॉन्ग कॉन्ग को कुछ पॉलिटिकल और सोशल ऑटोनॉमी देगा। इसके बाद चीन ने हॉन्ग कॉन्ग को विशेष प्रशासनिक क्षेत्र का दर्जा दिया। अब हॉन्ग कॉन्ग के पास अपना एक मिनी संविधान था। अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता जैसे नागरिक अधिकार थे। हालांकि इस नए सिस्टम में हॉन्ग कॉन्ग के लोगों पर 50 साल की तलवार भी लटक रही थी जिसके बाद उन्हें दिए गए स्वायत्तता के अधिकार छीन लिए जाने थे। 50 साल की मियाद 2047 में पूरी होनी है, लेकिन चीन की कम्युनिस्ट सरकार 50 साल का भी इंतजार करने को राजी नहीं है। वो अभी से हॉन्ग कॉन्ग को अपने कब्जे में लेना चाहती है। इसी वजह से वह नेशनल सिक्योरिटी लॉ लेकर आई है।
प्रदर्शन की कुछ तस्वीरें: