जी 77 से एकता और सहयोग मजबूत करने की चीन की अपील

संयुक्त राष्ट्र जी 77 से एकता और सहयोग मजबूत करने की चीन की अपील

Bhaskar Hindi
Update: 2022-01-19 13:30 GMT
जी 77 से एकता और सहयोग मजबूत करने की चीन की अपील
हाईलाइट
  • संयुक्त राष्ट्र में जोरदार व सर्वसम्मत आवाज उठाने की अपील

डिजिटल डेस्क, बीजिंग। संयुक्त राष्ट्र में चीन के उप स्थायी प्रतिनिधि ताई पिंग ने 18 जनवरी को जी 77 और चीन समूह के राजदूत स्तरीय सम्मेलन में भाषण दिया। उन्होंने जी 77 से एकता व सहयोग को मजबूत करने और संयुक्त राष्ट्र में जोरदार व सर्वसम्मत आवाज उठाने की अपील की।

उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक प्रशासन में गहरा परिवर्तन हो रहा है, एकतरफावाद व संरक्षणवाद बढ़ रहा है, विश्व आर्थिक सुधार असंतुलित हो गया है और महामारी का फैलना जारी है। दुनिया भर के सभी देश इससे निपटने के तरीकों की तलाश कर रहे हैं। सबसे बड़े विकासशील देश सहयोग तंत्र के रूप में जी 77 नई परिस्थितियों में विकासशील देशों की सामान्य भलाई की रक्षा के लिए अपनी विशेष जिम्मेदारी लेता है। उन्हें एकजुटता व सहयोग को मजबूत करना चाहिए, खुलेपन व आम जीत की वकालत करनी चाहिए। साथ ही संयुक्त राष्ट्र में एक जोरदार व सर्वसम्मति से आवाज उठाने और निष्पक्षता व न्याय की छवि व ताकत को प्रदर्शित करना चाहिए।

उन्होंने कुछ सुझाव पेश किए। पहला, जी 77 को विकास को प्राथमिकता देना जारी रखना चाहिए। जन-केंद्रित विकास दर्शन का पालन करना चाहिए। साथ ही गरीबी में कमी, खाद्य सुरक्षा, विकास वित्तपोषण, ऊर्जा सुरक्षा, बुनियादी ढांचे के निर्माण आदि क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ाना जारी रखना चाहिए। ताकि सभी देशों के लोगों की भलाई में प्रभावी ढंग से सुधार हो सके।

दूसरा, जी 77 को महामारी-रोधी सहयोग करने और वसूली को बढ़ाने पर ध्यान देना चाहिए। उन्हें महामारी-रोधी वैक्सीन व दवा के उत्पादन, अनुसंधान एवं विकास पर सहयोग करना और टीकों का समान वितरण सुनिश्चित करना चाहिए। साथ ही नकारात्मक प्रभावों से बचने के लिये उन्हें विकासित देशों को जिम्मेदार आर्थिक नीति लागू करने का आग्रह करना चाहिए। इसके अलावा जी 77 के सदस्यों को संयुक्त रूप से आत्म सुधार करने, तकनीकी प्रगति व आर्थिक परिवर्तन के अवसरों का लाभ उठाने और विकास की नई गतिज ऊर्जा की खोज करनी चाहिए।

तीसरा, जी 77 को असली बहुपक्षवाद का पालन करना चाहिये। यूएन-केंद्रीय अंतरराष्ट्रीय प्रणाली की मजबूती से रक्षा करने और विकासशील देशों के लिए लाभ की दिशा में यूएन के विकास एजेंडे व विकास प्रणाली को बढ़ाना चाहिए। उन्हें साझा लेकिन अलग-अलग जिम्मेदारियों के सिद्धांत का पालन करने के साथ-साथ विकसित देशों को पूंजी, प्रौद्योगिकी और क्षमता निर्माण आदि क्षेत्रों में अपनी प्रतिबद्धताओं को पूरा करने का आग्रह करना चाहिए। जी 77 को यूएन के विभिन्न नई पहलों और नए नियमों पर चर्चा करने की प्रक्रिया में न केवल सक्रिय रूप से भाग लेना चाहिए, बल्कि अपनी अग्रणी भूमिका भी निभानी चाहिए। विकासशील देशों की आवाज व प्रभाव को लगातार बढ़ाने और वैश्विक शासन प्रणाली में सुधार करना चाहिए।

चौथा, जी 77 को इस समूह की एकता को मजबूती से बनाए रखना चाहिए। जटिल और गंभीर अंतरराष्ट्रीय स्थिति के सामने जी 77 को एकता व सहयोग को मजबूत करना चाहिए। बाहरी हस्तक्षेप को खत्म करने के साथ-साथ अपनी उत्कृष्ट परंपराओं को जारी रखने और अध्यक्ष पद के अधिकार की रक्षा करनी चाहिए। इसके अलावा उन्हें मतभेदों को दूर करते हुए आम सहमति बनाने पर जोर देना चाहिए। ताकि जी 77 की एकता और समग्र हितों की ईमानदारी से रक्षा की जा सके।

(आईएएनएस)

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