दुनिया के हर देश की जासूसी करना चाहता है चीन, ड्रैगन उठाने जा रहा है ये कदम

नेटवर्क से कब्जा दुनिया के हर देश की जासूसी करना चाहता है चीन, ड्रैगन उठाने जा रहा है ये कदम

Bhaskar Hindi
Update: 2022-01-29 07:39 GMT
दुनिया के हर देश की जासूसी करना चाहता है चीन, ड्रैगन उठाने जा रहा है ये कदम
हाईलाइट
  • हजारों उपग्रहों का एक नेटवर्क मेगाकॉन्स्टेलेशन
  • पृथ्वी की निचली कक्षा में परिक्रमा करेंगे मेगाकॉन्स्टेलेशन

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली।   चीन महातारामंडल की तर्ज पर पृथ्वी की निचली कक्षा में हजारों सैटेलाइट का झुंड भेजकर अपना वर्चस्व कायम करना चाहता है। एक रिपोर्ट से मिली जानकारी के मुताबिक चीन अंतरिक्ष में 13 हजार उपग्रह भेजने की प्लानिंग कर रहा है। चीन की इस योजना ने पूरी दुनिया की चिंता बढ़ा दी है। दुनिया भर के देशों पर जासूसी का खतरा मंडरा रहा है। चीन के नए मेगा प्लान का खुलासा हुआ है। चीन इस नेटवर्क से क्या कवर करेगा, या यह कैसे काम करेगा, इस बारे में नहीं बताया गया है। इसलिए चीन के इस योजना को जासूसी के तौर पर  माना जा रहा है।  

चीन के स्टेट एडमिनिस्ट्रेशन ऑफ साइंस, टेक्नोलॉजी एंड इंडस्ट्री फॉर नेशनल डिफेंस के मुताबकि नेटवर्क की इस योजना में  छोटे सैटेलाइट सेटों को सेट किया जाएगा।  जिससे इंटरनेट सुविधाओं को और मजबूती मिलेगी। हालांकि इस रिपोर्ट में चीन की इस योजना के उद्देशय के बारे में कोई खुलासा नहीं किया गया। लेकिन चीन की ओर से ये अटकलें लगाई जा रही है कि चीन ग्रामीण क्षेत्रों में  5G नेटवर्क सेवाओं को मजबूत करने के लिए ऐसा कर रहा है। 

क्या दुनिया की जासूसी करना चाहता चीन ?

चीन की हरकतों से दुनिया परिचित है। कहीं चीन दुनिया की जासूसी करवाने के लिए इस सैटेलाइट नेटवर्क को विकसित नहीं कर रहा है। दुनिया के हर देश के लिए यह चिंता का विषय बन गया है। आपको बता दें इससे पहले भी चीन ऐसी हरकत कर चुका है।  चीन दुनिया के हर देश की जासूसी करना चाह रहा है। पहले भी वह पृथ्वी पर होने वाली हर गतिविधि पर नजर रखता आया है। इसके लिए वह पहले ही दो अर्थ ऑब्जर्वेशन सैटेलाइट्स को प्रक्षेपित कर चुका है। चीन का दावा है कि ये उपग्रह समुद्री आपदाओं, समुद्री पर्यावरण और जल संरक्षण की निगरानी करते हैं। 2020 में इंटरनेट उपग्रहों के "राष्ट्रीय नेटवर्क" के  स्पेक्ट्रम के लिए चीन ने आवेदन किया था।  इन्हें GW नाम दिया गया था  यह 2026 तक चलने वाली पंचवर्षीय योजना का हिस्सा है, जो संचार, पृथ्वी अवलोकन और नेविगेशन उपग्रहों के एक एकीकृत नेटवर्क की मांग की है।   इस प्रोजक्ट से जुड़े विकासीय कार्यों को चोंगकिंग शहर में किए जाएगे। 

क्या है मेगाकॉन्स्टेलेशन योजना
आपको बता दें स्पेसएक्स स्टारलिंक की तरह ही एक "मेगाकॉन्स्टेलेशन" हजारों सैटेलाइटों का एक बड़ा नेटवर्क है जो इंटरनेट सेवाएं प्रदान करने के लिए पृथ्वी की लंबाई और चौड़ाई को कवर करता है।  12,992 उपग्रह "मेगाकॉन्स्टेलेशन" पृथ्वी की निचली कक्षा में परिक्रमा करेंगे। मेगाकॉन्स्टेलेशन के बजाय  स्पेसएक्स स्टारलिंक  में करीब  2,000 सैटेलाइट होते  हैं। हालफिलहाल मौजूदा समय में स्पेसएक्स स्टारलिंक सबसे विकसित नेटवर्क है।चीन की चाल से दुनियाभर के वैज्ञानिक और सुरक्षा विशेषज्ञ चिंतित है। विशेषज्ञ चीन की इस योजना से जासूसी का खतरा मान रहा है। 

 

Tags:    

Similar News