SCO Meeting: अफगानिस्तान के 85 प्रतिशत क्षेत्र पर तालिबान का कब्जा, जयशंकर बोले- काबुल का भविष्य इसका अतीत नहीं हो सकता

SCO Meeting: अफगानिस्तान के 85 प्रतिशत क्षेत्र पर तालिबान का कब्जा, जयशंकर बोले- काबुल का भविष्य इसका अतीत नहीं हो सकता

Bhaskar Hindi
Update: 2021-07-14 13:36 GMT
SCO Meeting: अफगानिस्तान के 85 प्रतिशत क्षेत्र पर तालिबान का कब्जा, जयशंकर बोले- काबुल का भविष्य इसका अतीत नहीं हो सकता
हाईलाइट
  • काबुल का भविष्य इसका अतीत नहीं हो सकता
  • दुनिया हिंसा और बल के जरिए सत्ता हासिल करने के खिलाफ
  • विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बुधवार को दुशांबे में शंघाई सहयोग संगठन में कहा

डिजिटल डेस्क, दुशांबे। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बुधवार को दुशांबे में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की फॉरेस मिनिस्टर्स कॉन्टेक्ट ग्रुप मीटिंग में कहा कि काबुल का भविष्य इसका अतीत नहीं हो सकता। अफगानिस्तान के 85 प्रतिशत क्षेत्र पर तालिबान के नियंत्रण को लेकर जयशंकर ने कहा कि दुनिया हिंसा और बल के जरिए सत्ता हासिल करने के खिलाफ है। ऐसी कार्रवाई वैध नहीं है। विदेश मंत्री ने कहा कि शांति वार्ता ही स्थिति का एकमात्र उत्तर है।

 

 

उन्होंने यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता पर भी जोर दिया कि काबुल के पड़ोसियों को "आतंकवाद, अलगाववाद और उग्रवाद से खतरा नहीं है।" बैठक के दौरान, जयशंकर ने कहा कि दुनिया और अफगानिस्तान के लोग सभी एक "इंडिपेंडेंट न्यूट्रल, यूनिफाइड, पीसफुल, डेमोक्रेटिक और प्रॉस्परस नेशन चाहते हैं।" उन्होंने कहा, "हमें उन्हें निराश नहीं करना चाहिए।"

विदेश मंत्री ने नागरिकों और राज्य के प्रतिनिधियों के खिलाफ हिंसा और आतंकवादी हमलों को रोकने का भी आह्वान किया। उन्होंने राजनीतिक बातचीत के माध्यम से और सभी के हितों का सम्मान करते हुए संघर्ष को निपटाने पर जोर दिया। बैठक में भाग लेने वालों में रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव, चीनी विदेश मंत्री वांग यी, पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी और अफगान विदेश मंत्री मोहम्मद हनीफ अतमार शामिल थे।

इससे पहले दिन में एक महत्वपूर्ण बैठक में पाकिस्तान और चीन के विदेश मंत्रियों ने भी भाग लिया। इस बैठक में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि आतंकवाद और चरमपंथ का मुकाबला करना शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) का प्रमुख उद्देश्य है और टेरर फाइनेंसिंग को रोका जाना चाहिए। 

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