200 अमेरिकी कंपनियां चीन से भारत शिफ्ट करना चाहती हैं अपना मैन्युफैक्चरिंग सेंटर
200 अमेरिकी कंपनियां चीन से भारत शिफ्ट करना चाहती हैं अपना मैन्युफैक्चरिंग सेंटर
- दोनों देशों के बीच बढ़ेंगे व्यापारिक रिश्ते
- प्रक्रिया पारदर्शिता बनाने की मांग
- संबंधों में सुधार की पैरवी की
डिजिटल डेस्क, वॉशिंगटन। लोकसभा चुनाव के बाद अमेरिका की करीब 200 कंपनियां चीन से अपना मैन्युफैक्चरिंग सेंटर भारत शिफ्ट करना चाहती हैं। अमेरिका और भारत के संबंधों में सुधार की पैरवी करने वाले संगठन USISPF (यूएस-इंडिया स्ट्रेटजिक एंड पार्टनरशिप फोरम) ने ये बात कही है।
फोरम ने बताया कि उन कंपनियों के लिए भारत में अच्छा अवसर उपलब्ध है, जो चीन की जगह दूसरा विकल्प तलाश रही हैं। फोरम के चेयरमैन मुकेश अघी ने बताया कि कई कंपनियों ने उनसे पूछा है कि भारत को किस तरह चीन के विकल्प के रूप में तैयार किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि फोरम नई सरकार को ये सुझाव देगा कि वो सुधारों को तेज करने और निर्णय लेने की प्रक्रिया में पारदर्शिता लेकर आएं।
USISPF के चेयरमैन मुकेस अघी ने कहा कि ई-कॉमर्स, डेटा का लोकर स्टोरेज जैसे फैसले को अमेरिका की कंपनियां स्थानीय कारक न मानकर अंतरराष्ट्रीय कारक की तरह देख रही हैं। उन्होंने का कि ये संवेदनशील मामला है। प्रक्रिया में पारदर्शिता लाने के लिए 12 से 18 महीने तक इस पर परामर्श लिए जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि नई सरकार को सुधार की गति को तेज करनी चाहिए। उन्होंने भारत और अमेरिका के बीच मुक्त व्यापार समझौते की भी पैरवी की।