G20 से दूरी बनाने पर राष्ट्रपति जिनपिंग को लेकर किए जा रहे कई सवाल, अब चीन ने स्टेटमेंट जारी कर रखी अपनी बात
- G20 से दूरी बनाने पर राष्ट्रपति जिनपिंग को लेकर किए जा रहे कई सवाल
- चीन ने स्टेटमेंट जारी कर रखी अपनी बात
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत की मेजबानी में होने वाले जी20 शिखर सम्मेलन के आगाज में केवल तीन दिन ही बाकी रह गए हैं। जिसके लिए देश की राजधानी दिल्ली में तैयारियां जोरों-शोरों पर चल रही हैं। इस अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में हिस्सा के लिए दुनियाभर के कई नेता शामिल होंगे। 9 से 10 सितंबर तक चलने वाले जी20 समिट में अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस के साथ अन्य देशों के नेता भारत में उपस्थित रहेंगे। लेकिन, चीन और रूस के राष्ट्रपति (शी जिनपिंग और व्लादिमीर पुतिन) इस समिट में शामिल नहीं होंगे। इस बीच चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग का जी20 समिट में गैरमौजदगी को लेकर चीन ने एक स्टेटमेंट जारी किया है।
कुछ दिनों पहले से ही ऐसी अटकलें सामने आ रही थी कि चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग भारत में होने वाली बैठक का हिस्सा नहीं होंगे। ऐसे में, अब चीन के राष्ट्रपति इस अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में भाग नहीं ले रहे हैं, तो इस मुद्दे को लेकर चीन कई सवालों से घिर गया है। इन्हीं सभी सवालों का जवाब देने के लिए चीन के विदेश मंत्रालय की ओर से प्रेस कॉन्फ्रेंस रखी गई थी। जिसमें प्रवक्ता माओ निंग ने कहा कि भारत में होने वाले जी20 समिट के लिए चीन की ओर से पूरा सहयोग है।
चीनी प्रवक्ता ने कहीं ये बातें
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान चीनी प्रवक्ता ने आगे कहा कि भारत की मेजबानी में आयोजित जी20 समिट कामयाब रहे, इसके लिए सम्मेलन में हिस्सा ले रहे अन्य देशों के साथ चीन मिलकर काम करना चाहता है। हमारे लिए जी20 सम्मेलन काफी ज्यादा मायने रखता है, जिसके लिए हम इस समिट में होने वाली एक्टिविटीज में सक्रिय तौर पर शामिल होना चाहते हैं। साथ ही, चीन ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन जी20 देशों के आर्थिक विकास के लिए सबसे श्रेष्ठ मंच है। इसके अलावा चीन ने भारत से अपने संबंधो को लेकर भी कहा कि दोनों मुल्कों के बीच हालात सामान्य है। इतना ही नहीं, चीन का कहना है कि भारत के साथ काम करके दोनों ही देश तेजी से विकसित हुए हैं। हम भारत से अपने द्विपक्षीय संबंधों को सश्क्त बनाने के लिए पूरा सहयोग करेंगे।
चीन ने भारत के इन हिस्सों पर जताया था अधिकार
गौरतलब है कि कुछ दिनों पहले चीन ने भारत के हिस्से को अपना बताया था। यह ब्यान चीन ने 'स्टैंडर्ड मैप ऑफ' 2023 संस्करण को पेश करने के समय दिया था। जिसमें चीन ने दावा किया था कि भारत का अरूणाचल प्रदेश और अक्साई चिन चीन की सीमा रेखा में आता है। जिसके बाद इस मद्दे पर भारत ने सख्त तौर पर आपत्ति जाहिर की थी। साथ ही, चीन के इस दावे का जवाब देते हुए भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा था कि ये चीन की पुरानी परंपरा है। जयशंकर ने चीन के मानचित्र को बेतुका बताते हुए कहा था कि किसी देश के हिस्से पर अपना अधिकार सिद्ध करने से वह उस देश का नहीं हो जाएगा।