फैक्ट चेक: भारत के खिलाफ बयानबाजी करते ये बच्चे पाकिस्तान के हैं, वायरल वीडियो भ्रामक दावे से की जा रहा शेयर
- भारत के नाम पर पाकिस्तान की वीडियो वायरल
- बच्चों के भारत विरोधी बयान देने का दावा
- जानें क्या है सच्चाई
डिजिटल डेस्क, भोपाल। सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। इस वीडियो में दो बच्चों को एक रिपोर्टर से बात करते हुए देखा जा सकता है। दोनों बच्चों को भारत के खिलाफ बोलते हुए सुना जा सकता है। लोग इस वीडियो को शेयर कर दावा कर रहे हैं कि यह बच्चे भारत के मदरसों के हैं जो भारत के खिलाफ बयान दे रहे हैं। कई लोग तो मदरसों को बंद कराने की भी मांग कर रहे हैं। आपको बता दें कि, यह बच्चे भारत के नहीं बल्कि पाकिस्तान के हैं।
क्या हो रहा है वायरल?
एकफेसबुक यूजर ने 26 अक्टूबर को वायरल वीडियो अपलोड कर लिखा- मदरसों से ही शुरूआत होती है, शरिया के साथ और फिर तैयार किया जाता है एक जेहादी और आतंकवादी जिसे शिक्षा के नाम पर सबसे पहला पाठ इस्लामीकरण का और काफिरों कि हत्या का पढ़ाया जाता है! उनकी तैयारी पूरी है l उनका बच्चा बच्चा भी, गजवा ए हिंद हिन्दुओ के हिन्दुस्तान को, इस्लामिक मुल्क मे तब्दील के लिए तैयार है l यह देख लो सेकुलर हिंदुओं मदरसो की तालीम की हकीकत l जिसके जरिए उनके बच्चों के दिमाग में क्या भरा जाता है। इसमे हमारी सत्कार भी दोषी है हिन्दुओ के कत्ल ए आम और हिंदुस्तान की बर्बादी के लिए हमारी सरकार हमारे टैक्स से करोड़ों का अनुदान मदरसो को देती है l जो इस पर रोक लगनी चाहिए। जिस देश मे यह सब खुले आम चल रहा हो, उस देश की बर्बादी आज नहीं तो कल तय है l देश में लाखों मदरसे आज भी इस्लामी देशों कि वित्तीय सहायता से इस जिहाद के कार्य में लगे हैं!! भारत सरकार को मदरसों की शिक्षा पद्धति को बदल देना चाहिए। जय हिंदू राष्ट्र।
क्या है वायरल वीडियो के पीछे की सच्चाई?
वीडियो में जो शख्स बच्चों से सवाल पूछता हुआ नजर आ रहा है उसके हाथ में एक माइक है। उस माइक के ऊपर 'D7 NEWS' का लोगो लगा हुआ है। जब हमने 'D7 NEWS' सर्च किया तो 'D7 NEWS PAKISTAN OFFICIAL' नाम का एक यूट्यूब चैनल मिला। इस चैनल पर कई वीडियोज अपलोड की हुई हैं जिसमें वायरल वीडियो में सवाल पूंछ रहा शख्स है। इसी चैनल पर हमें वायरल वीडियो का बड़ा वर्जन मिला। यूट्यूब चैनल पर डला यह वीडियो कुल 12 मिनट 42 सेकंड का है। 11 मिनट एक सेकंड पर बच्चों को देखा जा सकता है। यहां इसे पाकिस्तान का बताया जा रहा है। इससे यह साफ होता है कि बच्चे भारत के नहीं बल्कि पाकिस्तान के हैं।