इंदिरा गांधी के बाद अब नटी बिनोदिनी के किरदार में नजर आएंगी कंगना रनौत, जिन्होंने किया था थियेटर पर राज
मनोरंजन इंदिरा गांधी के बाद अब नटी बिनोदिनी के किरदार में नजर आएंगी कंगना रनौत, जिन्होंने किया था थियेटर पर राज
डिजिटल डेस्क मुंबई। बॉलीवुड क्वीन कही जाने वाली कंगना रनौत अपनी अपकमिंग फिल्म इमरजेंसी को लेकर सुर्खियों में हैं। वे इस फिल्म में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का किरदार निभा रही हैं। इसी बीच अभिनेत्री ने अपने अगले प्रोजेक्ट की घोषणा कर दी है। इस नए प्रोजेक्ट में भी कंगना एक बायोपिक फिल्म में नजर आएंगी। वे इस फिल्म में दिग्गज बंगाली थिएटर आर्टिस्ट के किरदार में पर्दे पर नजर आएंगी। कंगना प्रदीप सरकार के निर्देशन में बनने वाली फिल्म में मशहूर बंगाली थिएटर अभिनेत्री बिनोदिनी दासी की भूमिका निभाते हुए नजर आएंगी।
फिल्म को नहीं दिया गया कोई नाम
कंगना रनौत ने अपने फिल्मी करियर में कई चुनौतिपूर्ण रोल बखूबी अदा किये हैं। वे अपनी हर फिल्म में एक अलग स्टोरी लेकर आती हैं जिसे देखने के लिए फैंस एक्साइटेड रहते हैं। इससे पहले कंगना रनौत ने साउथ एक्ट्रेस और राजनेता जयललिता की बायोपिक में लीड रोल निभाया था। उनके ये किरदार भी फैंस को बेहद पसंद आया था।
फिलहाल एक्ट्रेस इमेरजेंसी में देश की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के किरादर को निभा रही हैं, जो कि बड़ा ही चैलेंजिंग है। इसी राह पर चलते हुए कंगना अब अपनी अपकमिंग फिल्म में थिएटर कलाकार नटी बिनोदिनी की भूमिका निभाने के लिए तैयार हैं। बता दें कि, कंगना की इस मेगाबजट फिल्म को फिलहाल कोई नाम नहीं दिया गया है।
कौन थीं नटी बिनोदिनी?
नटी बिनोदिनी जो कि एक बंगाली थियेटर एक्ट्रेस हुआ करती थी। नटी बिनोदनी को बिनोदनी दासी कह कर बुलाया जाता था। उनका जन्म एक वेश्यावृति वाले समाज में हुआ था। साल 1874 में बारह साल की उम्र में उन्होंने थियेटर करना शुरू किया था। उन्होंने कलकत्ता नेशनल थियेटर में अपना पहला ड्रामा रोल किया था। बता दें कि, 1874 ये वो दौर था जब थियेटर और सिनेमा में महिला का रोल भी पुरुष निभाते थे। माना जाता है कि थियेटर और कला के मामले में बंगाल अंग्रेजों से भी आगे था। पुरुषों के बीच महिला कलाकारों को सबसे पहले पर्दे पर उतारने वाला बंगाल ही है। उस दौर में थियेटर पर एक्टिंग का जलवा दिखाने वाली क्रांतिकारी अभिनेत्री थी, बिनोदिनी दासी।
गिरीश चंद्र घोष ने दिय था एक्टिंग का मौका
बिनोदिनी का जन्म साल 1863 में ब्रिटिश राज के कलकत्ता में हुआ था। वेश्या समाज में पली तवायफ की बेटी बिनोदिनी ने जब पहली बार नाटक देखा तो उनके जहन में एक्टिंग करने का जुनून सवार हो गया था। लेकिन घर की गरीबी के कारण बिनोदिनी के कंधों पर घर की जिम्मेदारी और आंखों में थियेटर का सपना था। बिनोदिनी महज 12 साल की थीं जब उनकी मुलाकात उस समय के दिग्गज निर्देशक गिरीश चंद्र घोष से हुई। जिन्होंने उन्हें एक्ट्रेस बनने का मौका दिया था। "बेनी संहार" से बिनोदिनी ने अपने करियर की शुरुआत की और फिर अगले 12 साल तक वे रूकी नहीं । इस दौरान बिनोदिनी ने लगभग 80 नाटकों में काम किया और 90 से ज्यादा किरदार निभाए। बिनोदिनी घंटों अपने रोल का रिहर्सल करती थीं। वो कैरेक्टर को सिर्फ निभाती नहीं थीं, उसमें अपनी जी-जान लगा देती थीं। यहीं से उन्हें नाम नटी बिनोदिनी पड़ा था।
फिल्म को लेकर कंगना ने कही ये बात
बिनोदिनी दासी की कहानी पर ही 1994 में बंगाली फिल्म नटी बिनोदिनी बनाई गई थी। इस फिल्म में बिनोदिनी का रोल देबाश्री रॉय ने निभाया था। अब इस फिल्म का हिंदी रीमेक बनाया जा रहा है। फिल्म में कंगना रनौत बिनोदिनी का किरदार निभाती नजर आएंगी । कंगना ने इस फिल्म को लेकर खुशी जाहिर करते हुए कहा, "मैं प्रदीप सरकार जी की बहुत बड़ी फैन रही हूं और ये मौका मिलने के लिए बहुत खुश हूं। साथ ही यह प्रकाश कपाड़िया जी के साथ मेरी पहली फिल्म होगी. मैं इन लोगों के साथ इस उल्लेखनीय यात्रा का हिस्सा बनकर पूरी तरह रोमांचित हूं। " फिल्म प्रकाश कपाड़िया द्वारा लिखी गई है जो "तानाजी: द अनसंग वॉरियर", "पद्मावत", "देवदास" और "ब्लैक" जैसी फिल्मों की कहानी लिख चुके हैं।