महाराष्ट्र पॉलिटिक्स: विधायक दल की बैठक से पहले भाजपा ने निर्मला सीतारमण और विजय रुपाणी को बनाया पर्यवेक्षक, CM फेस पर सस्पेंस के बीच सियासी पारा हाई
- महाराष्ट्र में सीएम फेस पर सस्पेंस बरकरार
- महाराष्ट्र में भाजपा ने नियुक्त किए पर्यवेक्षक
- निर्मला सीतारमण और विजय रुपाणी को सौंपी जिम्मेदारी
डिजिटल डेस्क, मुंबई। महाराष्ट्र में सीएम फेस पर जारी सस्पेंस के बीच आगामी 5 दिसंबर को महायुति की नई सरकार का शपथ ग्रहण समारोह होना है। इससे पहले गुरुवार को भाजपा ने गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रुपाणी और केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को महाराष्ट्र के पर्यवेक्षक के तौर पर नियुक्त किया है। बता दें, महायुति की 4 दिसंबर को होने वाली विधायक दल की बैठक से पहले भाजपा के दो वरिष्ठ नेताओं को पर्यवेक्षक का कार्यभार सौंपा गया है।
भाजपा ने नियुक्त किए महाराष्ट्र के नए पर्यवेक्षक
हालांकि, महाराष्ट्र में भाजपा के दोनों सहयोगी एनसीपी (अजित गुट) और शिवसेना (शिंदे गुट) की बैठकें हुई थी। इस दौरान दोनों पार्टियों ने अपने-अपने विधायक दल के नेता का चुनाव कर लिया था। इसमें शिवसेना ने एकनाथ शिंदे और एनसीपी ने अजित पवार को विधायक दल के नेता के तौर पर चुना है। हालांकि, भाजपा में विधायक दल के नेता के चयन की प्रक्रिया होना बाकी है।
भाजपा सूत्रों का कहना है कि महाराष्ट्र में विधायक दल की बैठक में जिस नेता के को चुना जाएगा। उस नेता के नेतृत्व में राज्यपाल के समक्ष महायुति की नई सरकार बनाने का दावा पेश किया जाएगा। गौरतलब है कि महायुति में भाजपा सबसे प्रमुख पार्टी है। महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के परिणाम आने के बाद से ही सीएम फेस पर रहस्य बना हुआ है। माना जा रहा है कि सीएम फेस भाजपा खेमे से ही चुना जाएगा। पार्टी सूत्रों के मुताबिक, भाजपा से सीएम फेस पर देवेंद्र फडणवीस का नाम तय माना जा रहा है।
महाुयति में विभागों के बंटवारे पर उलझा पेंच
सूत्रों के मुताबिक, महाराष्ट्र में सोमवार को महायुति के विधायक दल की बैठक सोमवार को तय की गई थी। लेकिन, कार्यवाहक मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की सेहत को देखते हुए बैठक टल गई थी। एकनाथ शिंदे को डॉक्टर्स ने आराम करने को कहा था।
महाराष्ट्र में सीएम फेस के साथ-साथ महायुति सरकार के मंत्रिमंडल भी चर्चा का विषय बना हुआ है। मंत्रिमंडल में विभागाों के बंटवारे पर भाजपा, शिवसेना और एनसीपी में खींचतान देखने को मिल रही है। माना जा रहा है कि इस मुद्दे को महुायुति की अगली बैठक में सुलझाया जाएगा। जानकारी के मुताबिक, महाराष्ट्र में शपथ ग्रहण समारोह से पहले ही भजापा, शिवसेना और एनसीपी विंभागों के बंटवारे पर बड़ा फैसला ले सकते हैं।