महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024: चुनावी रण में कौन किस पर भारी! इन सीटों पर BJP-कांग्रेस, शिवसेना vs शिवसेना और NCP vs NCP में सीधी टक्कर
- महाराष्ट्र में 20 नवंबर को विधानसभा चुनाव
- महायुति और एमवीएम के बीच टफ फाइट
- जानें किन सीटों पर किसकी किससे हो रही टक्कर
डिजिटल डेस्क, मुंबई। महाराष्ट्र में कल विधानसभा चुनाव होने है। इससे पहले सोमवार शाम चुनाव प्रचार थम गया था। राज्य की 288 विधानसभा सीटों पर संपन्न होने वाले चुनाव के लिए राजनीतिक दलों ने कमर कस ली है। महाराष्ट्र की सत्ताधारी महायुति से भाजपा ने 149 सीटों पर उम्मीदवार उतारे हैं। जबकि, महाविकास अघाड़ी (एमवीए) से कांग्रेस 100 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। इन सीटों में से 73 सीटें ऐसी है, जहां भाजपा और कांग्रेस की वन ऑन वन फाइट है।
इस साल लोकसभा चुनाव के नतीजे भाजपा के लिए अनुकूल साबित नहीं रहे। महाराष्ट्र की लोकसभा सीटों पर भाजपा को करारी हार का सामना करना पड़ा था। 6 महीने पहले की हार से सबक लेते हुए इस बार विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा काफी एक्टिव दिखाई दी है। भाजपा का कहना है कि कि एक बार फिर से राज्य में महायुति की सरकार बनने जा रही है।
इस बार भाजपा और कांग्रेस की नंदुरबार जिले की शाहादा और नंदुरबार सीटें, धुले जिले की धुले ग्रामीण सीट, जलगांव जिले से रावेर, भुसावल सीटें, बुलढाना जिले की मल्कापुर, चिखाली, खामगांव और जलगांव जामोद सीटें, अकोला जिले की अकोट और अकोला वेस्ट जैसी हाईप्रोफाइल सीटों पर भिड़त होने जा रही है।
भाजपा और कांग्रेस में किसका पलड़ा भारी?
लोकसभा चुनाव में महाराष्ट्र की सीटों पर भाजपा ने अपनी हार का कारण वोट जिहाद और फॉल्स नरेटिव पर थोपा था। इसके बाद भाजपा ने दावा किया था कि आगामी विधानसभा चुनाव में इस तरह का प्रदर्शन नहीं देखने को मिलेगा। जबकि, कांग्रेस का कहना था कि महाराष्ट्र में भाजपा के खिलाफ एंटी इंकम्बेंसी बनी है। इस बार जनता सत्ता में बदलाव देखना चाहती है।
हालांकि, विपक्ष का मानना है कि महायुति सरकार की 'लाडकी बहिन योजना' वोट बैंक के लिहाज से काफी अहमियत रखती है। इससे क्षति को काफी हद तक नियंत्रित किया जा सकता है। भाजपा के 'लाडली बहिन योजना' वाले दांव के खिलाफ कांग्रेस ने महिलाओं को 3000 प्रति महीने देने का ऐलान किया है। एमवीए के घोषणापत्र में इसका उल्लेख किया गया है। इस लिहाज से देखे तो इस बार के लोकसभा चुनाव की तुलना में भाजपा और कांग्रेस के बीच जोदार भिड़त देखने को मिल सकती है।
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव को लेकर जानकारों बताते हैं कि राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में एमवीए का प्रभाव देखने को मिल रहा है। हालांकि, लाडकी बहिन योजना के लाभार्थियों की तादाद भी अधिक है। जबकि, उत्तर महाराष्ट्र भाजपा की पकड़ काफी मजबूत मानी जाती है। इसमें नासिक, धुले और जलगांव क्षेत्र आते हैं।
50 सीटों पर शिवसेना (शिंदे गुट) बनाम शिवसेना (यूबीटी)
महाराष्ट्र में शिवसेना के विभाजिन के बाद शिंदे गुट और उद्धव गुट का पहला चुनाव होने जा रहा है। यह चुनाव मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उद्धव ठाकरे के बीच नाक की लड़ाई मानी जा रही है। जिन सीटों पर शिवसेना बनाम शिवसेना की लड़ाई होने जा रही हैं उनमें जलगांव की चोपड़ा सीट, पचोरा सीट, बुलधाना जिले की बुलधाना सीट, मेहकर एससी सीट, अकोला जिले की बालापुर जैसी सीटें शामिल हैं।
37 सीटों पर अजित-शरद की अग्निपरीक्षा
राज्य की 37 सीटों पर अजित पवार की एनसीपी और शरद पवार की एनसीपी की सीधी टक्कर है। शिवसेना की तरह एनसीपी के विभाजन के बाद चाचा-भतीजे पार्टी के बीच पहली लड़ाई होने जा रही है। बुलाधाना जिले की सिंधखेड राजा, अमरावती जिले की मोरशी सीट, नागपुर जिले की कटोल सीट, भंडारा जिले की तुमसर सीट, गढ़चिरौली जिले की अहेरी सीट, यवतमाल जिले की पुसाद जैसी हॉट सीटों पर अजित और शरद की पार्टी का मुकाबला है।