छात्रों की मांग, दिल्ली विश्वविद्यालय में हों ऑनलाइन एग्जाम

नई दिल्ली छात्रों की मांग, दिल्ली विश्वविद्यालय में हों ऑनलाइन एग्जाम

Bhaskar Hindi
Update: 2022-04-07 15:31 GMT
छात्रों की मांग, दिल्ली विश्वविद्यालय में हों ऑनलाइन एग्जाम

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दिल्ली विश्वविद्यालय के सैकड़ों छात्रों व विभिन्न छात्र संगठन ओपन बुक ऑनलाइन परीक्षा की मांग कर रहे हैं। छात्रों का कहना है कि जब 90 प्रतिशत पढ़ाई ऑनलइन माध्यम से हुई है तो निश्चित तौर पर परीक्षाएं भी ऑनलाइन होनी चाहिए। साथ ही इन छात्रों का यह भी कहना है कि जब देश के कई विश्वविद्यालयों में ऑनलाइन परीक्षाएं आयोजित की जा रही है तो दिल्ली विश्वविद्यालय को भी छात्रों की मांग को देखते हुए उनके हित में फैसला लेना चाहिए।

छात्र संगठन एनएसयूआई का कहना है कि हम डीयू छात्रों की ऑनलाइन परीक्षा की मांग को अपना पूर्ण समर्थन देते हैं और हमारा छात्र संगठन इस मुद्दे को लेकर लगातार डीयू में संघर्ष कर रहा है। वहीं दिल्ली विश्वविद्यालय में एक अन्य छात्र संगठन इनसो ने भी छात्रों के इस विषय को लेकर इनसो केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय और यूजीसी के दखल की मांग की है। छात्र संगठनों का कहना है कि ऑनलाइन परीक्षा की मांग कर रहे छात्रों पर मुकद्दमे दर्ज किए गए हैं, जिसकी हम निंदा करते हैं।

एनएसयूआई का कहना है कि दिल्ली विश्वविद्यालय देश का अग्रणी शिक्षण संस्थान है और वहां के छात्र राष्ट्र निर्माण में बड़ी भूमिका अदा करते हैं। उन्होंने कहा कि दिल्ली विश्वविद्यालय के हर छात्र की मांग है कि जब लगभग सिलेबस ऑनलाइन कक्षाओं के माध्यम से पढ़ाया गया है तो परीक्षाओं को भी ऑनलाइन माध्यम से लिया जाना चाहिए। वहीं छात्र संगठन इनसो ने कहा कि छात्र वर्ग इस देश का भविष्य है और उनके मुद्दों को विश्वविद्यालय प्रशासन को बेहद संवेदनशील तरीके से लेना चाहिए। यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि ऑनलाइन परीक्षा की मांग करने वाले छात्रों पर मुकदमे दर्ज किए जा रहे हैं।

उन्होंने कहा कि पढ़ने लिखने और अच्छा करियर बनाने की उम्मीद में ही छात्र अपनी मांग विश्वविद्यालय प्रशासन से कर रहे है लेकिन विश्वविद्यालय प्रशासन मांग मानने की बजाय उन पर ही मुकदमे दर्ज करवाकर छात्रों के हितों से खिलवाड़ कर रहा है। इनसो के मुताबिक लोकतांत्रिक तरीके से अपनी मांग रख रहे डीयू छात्र विश्वविद्यालय प्रशासन और पुलिस के रवैये से परेशान हैं और ऐसे में केंद्र सरकार व यूजीसी को जल्द संज्ञान लेते हुए छात्र हित में कदम उठाना चाहिए।

(आईएएनएस)

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