rajsthan: भारतबोध से होगी विचारों की घर वापसी: प्रो. संजय

  • पाली में 'मीडिया गुरु सम्मान' से अलंकृत हुए प्रो.द्विवेदी
  • साहित्य का मूल उद्देश्य ही लोक मंगल
  • विचारों की घर वापसी का समय

Bhaskar Hindi
Update: 2024-09-30 14:24 GMT

डिजिटल डेस्क, पाली। अखिल भारतीय साहित्य परिषद राजस्थान ,कल्पवृक्ष साहित्य सेवा संस्थान एवं वंदेमातरम् शिक्षण समूह पाली के संयुक्त तत्वावधान में पं. विष्णुप्रसाद चतुर्वेदी समृति द्वितीय राष्ट्रीय व्याख्यानमाला एवं साहित्यकार सम्मान समारोह का आयोजन पाली में संपन्न हुआ। इस मौके पर भारतीय जन संचार संस्थान (आईआईएमसी) के पूर्व महानिदेशक प्रोफेसर संजय द्विवेदी को 'राष्ट्रीय मीडिया गुरु सम्मान' से अलंकृत किया गया। साथ ही उन्होंने कार्यक्रम को मुख्य वक्ता की आसंदी से संबोधित भी किया।

 

कार्यक्रम में अखिल भारतीय संत समिति के राष्ट्रीय सचिव जगतगुरु विजयराम रावलद्वारा पीठाधीश्वर जगद्गुरु वेदेही वल्लभ देवाचार्य, साहित्यकार डा.जितेंद्र कुमार सिंह संजय , कवयित्री डा. चारुशीला सिंह, राजेन्द्र सिंह भाटी, प्रो. डा.मंजू शर्मा, नूतनबाला कपिला, सहायक कलेक्टर ऋषि सुधांसु पाण्डेय कोषाधिकारी हंसा राजपुरोहित उपस्थित रहे।

मुख्य वक्ता प्रो. संजय द्विवेदी ने अपने संबोधन में कहा कि साहित्य का मूल उद्देश्य ही लोक मंगल है। पिछले कुछ वर्षो में भारत अपनी जड़ों की तरफ वापसी कर रहा है। यह 'विचारों की घर वापसी का समय' है। सालों साल तक चले समाजतोड़क साहित्यिक अभियानों के बजाए समाज को जोड़ने वाले तथा भारतबोध कराने वाले साहित्य सृजन की आवश्यकता है । इससे भारत विकसित भारत बनेगा और अपने सपनों में रंग भरेगा। कार्यक्रम के संयोजक साहित्य परिषद के प्रांत अध्यक्ष डा.अखिलानंद और पवन पाण्डेय ने अतिथियों के प्रति स्वागत और आभार ज्ञापन किया।

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