धर्मांतरण: पंजाब में बढ़ते ईसाई धर्मांतरण पर सिख युवा नेता गुरसिमर बिंद्रा ने दुर्भाग्यपूर्ण और निराशाजनक स्थिति के खिलाफ आवाज उठा, कही यह बड़ी बात

  • 2011 की जनगणना के अनुसार, पंजाब में ईसाइयों की आबादी केवल 1.26% थी।
  • बढ़कर 2021 में 12,436 हो गई है, जो 102.73% की वृद्धि है।

Bhaskar Hindi
Update: 2023-12-28 10:46 GMT

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। हाल ही में पंजाब के माझा इलाके में ईसाई धर्मांतरण के बढ़ते हुए मामलो पर समाजसेवक और कार्यकर्ता गुरसिमर बिंद्रा ने चिंता जताई है। पंजाब के तरण तारण, अमृतसर, और गुरदासपुर जैसे कई इलाकों में ईसाई धर्मांतरण के मामलो में बढ़ोतरी देखी गई है। मामले के संज्ञान में आने के बाद से ही सिख समुदाय ने अपनी चिंताए व्यक्त की है और उन्ही में से एक है युवा नेता गुरसिमर बिंद्रा।

बिंद्रा ने कहा कि यह धर्मांतरण सिखों की संस्कृति एवम धरोहर के लिए बड़ा खतरा है। युवाओं का ईसाई धर्म की तरफ खिंचाव दुर्भाग्यपूर्ण है व युवाओं को इससे बचाने की ज़रूरत है। मामले की गंभीरता समझते हुए बिंद्रा ने कहा कि युवाओं को धर्मांतरण से होने वाले खतरों के बारे में जागरूक करना आवश्यक है। हालांकि बिंद्रा ने यह भी कहा कि वह सब धर्मों का सम्मान करते है व धर्म एक निजी मुद्दा है परंतु कुछ मिशनरियों ने पंजाब के युवाओं को बहला फुसला कर उनका धर्मांतरण करा दिया है।इसलिए यह ज़रूरी है कि हम अपनी संस्कृति सुरक्षा करे।

2011 की जनगणना के अनुसार, पंजाब में ईसाइयों की आबादी केवल 1.26% थी। लेकिन पिछले दशक में माझा क्षेत्र में ईसाई धर्म अपनाने वाले लोगों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। आंकड़े बताते हैं कि अकेले तरनतारन जिले में ईसाइयों की संख्या 2011 में 6,137 से बढ़कर 2021 में 12,436 हो गई है, जो 102.73% की वृद्धि है।

आंकड़ों पर बात करते हुए गुरसिमर ने कहा -"हमें गुरु नानक देव जी की शिक्षाओं के प्रति सच्चे रहने की जरूरत है, जो जीवन जीने और दूसरों की सेवा करने के महत्व पर जोर देते हैं।"

गुरसिमर बिंद्रा ने माननीय प्रधान मंत्री और गृह मंत्री के साथ-साथ राज्य के मुख्यमंत्री को भी पत्र लिखकर इस मामले में जल्द से जल्द हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया है।

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