चाइल्ड ट्रैफिकिंग: दिल्ली में चाइल्ड ट्रैफिकिंग गिरोह का भांडाफोड़, छापेमारी के बाद सीबीआई ने 8 बच्चों को किया रेस्क्यू
- दिल्ली में चाइल्ड ट्रैफिकिंग गिरोह का भांडाफोड़
- सीबीआई ने दिल्ली और एनसीआर में की छापेमारी
- 8 बच्चों को अब तक किया रेस्क्यू
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दिल्ली में बच्चों की खरीद-फरोख्त का संगीन मामला सामने आया है। शुक्रवार से सीबीआई की टीम दिल्ली में चाइल्ड ट्रैफिकिंग मामले में छापेमारी कर रही है। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के अलावा सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इंवेस्टिगेशन (सीबीआई) की टीम ने एनसीआर के कई इलाकों में भी छापेमारी की है। छापेमारी के दौरान सीबीआई की टीम ने एक घर से दो नवजात बच्चों को बरामद किया है। सीबीआई ने इस मामले में अब तक करीब 8 बच्चों को रेस्क्यू किया है। इस संगीन अपराध में शामिल कई लोगों को जांच एजेंसी ने हिरासत में ले लिया है। हिरासत में लिए गए आरोपियों से पूछताछ की जा रही है।
दो नवजात बरामद
दिल्ली में चाइल्ड ट्रैफिकिंग का सनसनीखेज मामला सामने आने के बाद राष्ट्रीय राजधानी में तहलका मच गया है। सीबीआई ने छापेमारी के बाद कुछ लोगों को हिरासत में लिया है और पूछताछ कर रही है। जांच एजेंसी मामले के तह तक जाना चाहती है। छापेमारी के दौरान दिल्ली के केशवपुरम इलाके में एक घर से दो बच्चों को बरामद किया गया है। शुरुआती जांच में मामला नवजात बच्चों की ट्रैफिकिंग का लग रहा है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस मामले में अब तक 7-8 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है जिसमें वॉर्ड बॉय समेत कुछ महिलाएं और पुरूष शामिल हैं। एजेंसी फिलहाल बच्चों को बेचने वाली महिला और खरीदने वाले पुरूष से पूछताछ कर रही है।
सीबीआई के रडार पर कई बड़े अस्पताल
सीबीआई सूत्रों के हवाले से मीडिया रिपोर्ट्स में किए गए दावे के मुताबिक, पिछले 1 महीने में करीब 10 बच्चों को बेचा गया है। छोटे बच्चों की तस्करी में शामिल गिरोह 4 से 6 लाख में बच्चों को बेच रही थी। रिपोर्ट्स की मानें तो बच्चों की तस्करी करने वाले इस गिरोह की पैठ कई राज्यों में है। इस वजह से कई अस्पताल ईडी की रडार पर हैं। अभी तक मामले में हुए खुलासे के मुताबिक, बड़े अस्पातालों के मैटर्निटी वार्ड से बच्चों को चुरा कर खरीद-फरोख्त किया जा रहा है।
नि:संतान दंपतियों से ठगी
सीबीआई अधिकारियों के मुताबिक, बच्चों की तस्करी में शामिल आरोपी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के जरिए देश के नि:संतान दंपतियों से कॉन्टैक्ट करते थे। आरोपी विज्ञापन के जरिए फेसबुक पेज और व्हाट्सएप ग्रुप के माध्यम से बच्चे गोद लेने की इच्छा रखने वाले नि:संतान दंपतियों से संपर्क स्थापित करते थे। जानकारी के मुताबिक, नि:संतान दंपतियों से फर्जी गोद लेने के दस्तावेज बनाकर लाखों रुपये की ठगी करते थे।