सतना: सेवा सहकारी समिति ने कागजों मे जमा कर दी ८९ लाख की धान
- सेवा सहकारी समिति ने कागजों मे जमा कर दी ८९ लाख की धान
- खरीदी बंद होने के २३ दिन बाद भी राइस मिलर और वेयर हाउस ने नहीं दिए स्वीकृति पत्र
- स्टॉक के सत्यापन से ही सामने आएगा सच
डिजिटल डेस्क, सतना। नागौद तहसील की सेवा सहकारी समिति कोटा में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी की आड़ में तकरीबन १.१८ करोड़ के भारी गोलमाल की आशंका है ? आरोप है कि धान खरीदी बंद होने के २३ दिन बाद भी समिति ने जहां १३६० क्ंिवटल धान का स्टॉक अपने पास दबा कर रखा है,वहीं ई-उपार्जन पोर्टल के रिकार्ड में ऑनलाइन जमा लगभग ८९ लाख रुपए मूल्य की ४ हजार ८२ क्ंिवटल धान के एवज में समिति को अभी तक एबी वेयर हाउस मढ़ी कला और मां लक्ष्मी राइस मिल नागौद के संचालकों ने धान जमा से संबंधित स्वीकृति पत्रक नहीं जारी किए हैं। सूत्रों के मुताबिक सेवा सहकारी समिति कोटा ने अबकि
५५ हजार क्ंिवटल धान की खरीदी दिखाई है। बड़ा सवाल यह है कि ऐसी क्या मजबूरी है कि नियमों को ताक में रख कर समिति ने उपार्जित धान का बड़ा स्टॉक अपने पास रोक रखा है।सवाल यह भी है कि उसे ४ हजार ८२ क्ंिवटल जमा धान के स्वीकृति पत्रक अभी तक क्यों नहीं दिए गए हैं? जानकारों का मानना है कि अगर समिति में बैलेंस और कथित तौर पर बेयर हाउस एवं राइस मिल में ऑनलाइन जमा स्टॉक का भौतिक सत्यापन करा लिया जाए तो असलियत अपने आप सामने आ जाएगी।
इस खेल को ऐसे समझें:-----
जानकारों के मुताबिक समर्थन मूल्य पर खरीदी की आड़ में कागजी तौर पर जमा दर्शाने और फिर धीरे से इसी आशय के स्वीकृति पत्र जारी करने का गोखरधंघा नया नहीं है। आमतौर इस खेल में समितियां सौदेबाजी करती हैं और यूपी-बिहार से आने वाले घटिया धान का घालमेल कर भौतिक रुप से धान का स्टॉक दिखा दिया जाता है। काल्पनिक किसानों से खरीदी गई कागजी धान समायोजित करने के इस खेल में करोड़ों का वारा-न्यारा होता है। सूत्रों ने बताया कि कागजी खरीदी और जमा के लिए घटिया धान या चावल की उपलब्धता का जुगाड़ नहीं होने के कारण फिलहाल मामला फंसा हुआ है।
शक के दायरे में रिकार्ड खरीदी :---
नागौद ब्लाक की सेवा सहकारी समिति कोटा ने इस वर्ष ४७४ किसानों से समर्थन मूल्य पर ५५ हजार क्ंिवटल धान की खरीदी की। जिसमें से उसने ४९ हजार ९८४ क्ंिवटल धान की जमा के संबंध में स्वीकृति पत्रक प्राप्त किए। समिति रहस्यमयी अंंदाज में १३६० क्ंिवटल धान जमा नहीं कर पाई। जबकि ई-उपार्जन पोर्टल के अनुसार इसी कोटा समिति ने कथित तौर पर २ हजार ६८२ क्ंिवटल धान मां लक्ष्मी राइस मिल नागौद और १४०० विंवटल धान एबी वेयर हाउस मढ़ी कला में जमा कराई। पेंच यहीं है कि समिति को अभी तक इन दोनों ने स्वीकृति पत्रक नहीं दिए हैं।
अकेला मामला नहीं, प्रतापपुर में भी ऐसा ही हाल:---
सेवा सहकारी समिति कोटा का यह मामला अकेला नहीं है। तकरीबन यही हाल बिरसिंपुर तहसील की सेवा सहकारी समिति प्रतापपुर का भी है। इस समिति ने ३८ हजार २१३ क्ंिवटल धान खरीदी की है। जिसमें से नागरिक आपूर्ति निगम ने ३५ हजार ९३९ क्ंिवटल धान जमा के स्वीकृति पत्रक जारी किए हैं। मगर, ४९ लाख रुपए मूल्य का २ हजार २७० विंवटल धान रिजेक्ट हो जाने के कारण नान ने स्वीकृति पत्रक जारी नहीं किए हैं। दिलचस्प यह है कि सेवा सहकारी समिति प्रतापपुर ने रिजेक्ट धान के एवज में गुणवत्ता पूर्ण धान अभी तक नहीं जमा कराई है।
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