Satna News: सीएएफ जवान को राजकीय सम्मान के साथ दी अंतिम विदाई
- सडक़ मार्ग से गुरुवार सुबह पोंड़ी पहुंची थी पार्थिव देह
- अंतत: परिजनों की मांग के संबंध में छत्तीसगढ़ सरकार से पत्राचार करने का आश्वासन दिया।
Satna News: छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिला अंतर्गत भूताही स्थित सीएएफ की 11वीं बटालियन के कैम्प में फायरिंग के दौरान जान गंवाने वाले मैहर के पोंड़ी निवासी जवान रूपेश पुत्र रामकृपाल पटेल की पार्थिव देह गुरुवार सुबह 11 बजे सडक़ मार्ग से मैहर पहुंची, जिसका अंतिम संस्कार गृहग्राम में राजकीय सम्मान के साथ किया गया।
पुलिस लाइन मैहर से पहुंची टुकड़ी ने दिवंगत जवान को गार्ड ऑफ ऑनर दिया, तो वहीं जिला प्रशासन की तरफ से कलेक्टर रानी बाटड़, एडीएम शैलेन्द्र सिंह, एएसपी मुकेश वैश्य, सीएसपी राजीव पाठक, विधायक श्रीकांत चतुर्वेदी और टीआई अनिमेष द्विवेदी ने पोंड़ी पहुंचकर तिरंगा समर्पित करने के साथ पुष्पचक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि दी।
शहीद का दर्जा देने जाम किया हाइवे
गुरुवार सुबह जब दिवंगत जवान रूपेश पटेल की पार्थिव देह पोंड़ी पहुंची तो ताबूत पर तिरंगा नहीं देखकर परिजन और ग्रामीण भडक़ गए। उन्होंने कड़ी नाराजगी जताते हुए शहीद का दर्जा देने की मांग को लेकर राष्ट्रीय राजमार्ग-30 पर जाम लगा दिया, जिससे यातायात पूरी तरह ठप हो गया।
यह खबर लगने पर पुलिस अधिकारी तुरंत पोंड़ी पहुंचे, मगर समझाइश से बात नहीं बनी, तो यातायात को बहाल करने के लिए कटनी और रीवा की तरफ से आने वाले वाहनों का मार्ग परिवर्तित करा दिया।
तब जाकर सामान्य हुए हालात
अंतत: दोपहर 3 बजे कलेक्टर रानी बाटड़ ने मौके पर जाकर दिवंगत जवान के पिता और परिजनों से बातचीत कर मामला छत्तीसगढ़ से संबंधित होने की बात कहते हुए यह मौत शहीद की कैटेगरी में नहीं आने की जानकारी दी, मगर परिजनों का कहना था कि वह चौबीस घंटे नक्सल क्षेत्र में तैनात था, ऐसे में पूरा हक है।
अंतत: परिजनों की मांग के संबंध में छत्तीसगढ़ सरकार से पत्राचार करने का आश्वासन दिया। तब जाकर शाम 4 बजे जाम खुला और पार्थिव शरीर को गांव ले जाया गया, जहां सैनिक सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई।
ये थी घटना
गौरतलब है कि बुधवार दोपहर को जब कैम्प में सभी जवान खाना खा रहे थे, तभी मिर्च नहीं मिलने से नाराज अजय सिदार नामक जवान ने मामूली बहस के बाद किसी साथी की इंसास राइफल से ताबड़तोड़ फायरिंग कर रूपेश पटेल और रीवा जिले के घुरेहटा निवासी संदीप पांडेय को मौत के घाट उतार दिया था। इस घटना में अम्बुज शुक्ला समेत दो जवान घायल भी हुए थे।