नल जल फेज-टू: 1 साल में सिर्फ 10 फीसदी काम, साइड इंजीनियर को मिला शोकॉज
- स्थल निरीक्षण के दौरान प्रोजेक्ट की दुर्गति पर राज्यमंत्री को आया गुस्सा
- केईसी के प्रोजेक्ट मैनेजर को नोटिस देकर साइड इंजीनियर अतुल शर्मा से जवाब मांगा है
- राज्यमंत्री ने केईसी इंटरनेशनल के प्रोजेक्ट मैनेजर और साइड इंजीनियर की क्लास ली
डिजिटल डेस्क,सतना। घर-घर नल-जल की राष्ट्रीय योजना में 1 साल में सिर्फ 10 फीसदी प्रगति पर रामनगर की एसडीएम आरती यादव ने मुंबई की ठेका कंपनी केईसी इंटरनेशनल के प्रोजेक्ट मैनेजर आलोक श्रीवास्तव को संविदाकार , ड्राइंग-डिजायन और टेंडर शर्तों के साथ तलब किया है।
उधर, 9.90 फीसदी एबव पर तकरीबन 2100 करोड़ के इस प्रोजेक्ट की कछुआ चाल पर नगरीय प्रशासन एवं आवास राज्यमंत्री प्रतिमा बागरी की सख्ती के बाद जल मिशन के महाप्रबंधक नीरव अग्रवाल ने भी केईसी के प्रोजेक्ट मैनेजर को नोटिस देकर साइड इंजीनियर अतुल शर्मा से जवाब मांगा है।
सूत्रों के मुताबिक महाप्रबंधक ने 2 दिन के अंदर समाधानकारक उत्तर नहीं देने पर कड़ी कार्यवाही की चेतावनी भी दी है। इससे पहले राज्यमंत्री प्रतिमा बागरी ने सोमवार को झाली, पैकौरा एवं भंवर पहुंच कर घर-घर नल-जल की भौतिक स्थिति का निरीक्षण किया।
तकरीबन एक वर्ष बाद भी परियोजना की कुल 10 प्रतिशत प्रगति पर राज्यमंत्री ने केईसी इंटरनेशनल के प्रोजेक्ट मैनेजर और साइड इंजीनियर की क्लास ली। जलनिगम के जीएम नीरव अग्रवाल भी साथ में थे। राज्यमंत्री ने भंवर में निर्माण कार्य के कारण ध्वस्त हुई रोड का रेस्टोरेशन कराने और अमला बढ़ा कर तय समय पर गुणवत्ता पूर्ण कार्य कराए जाने की हिदायत भी दी।
2100 करोड़ की राष्ट्रीय योजना का भगवान मालिक
जानकारों के मुताबिक सतना जिले के 3 ब्लाक सोहावल (रैंगांव), नागौद एवं मझगवां और रीवा जिले के 2 ब्लाक सेमरिया एवं सिरमौर के 955 गांवों के 1 लाख 16 हजार घरों में नलों के माध्यम से बाणसागर का जल पहुंचाने की बाणसागर ग्रामीण समूह फेज-2 की इस अति महत्वाकांक्षी योजना का भगवान ही मालिक है।
इसके लिए रामनगर में 151 एमएलडी क्षमता का वाटर ट्रीटमेंट प्लांट (डब्ल्यूटीपी) निर्मित करने, डब्ल्यूटीपी से 2 हजार किलोमीटर पर डेक्टाइल आयरन की मेन पाइप लाइन डालने और 5 हजार किलोमीटर पर एचडीपीई पाइप की डिस्ट्रीब्यूट्ररी लाइन बिछाने का वर्कआर्डर वर्ष 2023 की 17 फरवरी को मुंबई की केईसी इंटरनेशनल को मिला था।
प्रोजेक्ट की शुरुआती लागत 1872.86 करोड़ थी। केईसी इंटरनेशनल को 9.90 फीसदी एबव पर जब वर्क आर्डर मिला तब टाइम लिमिट 24 माह थी। जलनिगम के साथ संविदाकार ने पिछले 10 मार्च को अनुबंध किया, लेकिन एक साल गुजर जाने के बाद भी घर-घर नल-जल की प्रगति मात्र 10 प्रतिशत है।
अगर काम का यही स्पीड रही तो केंद्र सरकार की यह राष्ट्रीय महत्व की अहम परियोजना भी यहां अनिश्चितकालीन परियोजना बन कर रह जाएगी।
कलेक्टर ने भी जताई नाराजगी
उधर कलेक्टर अनुराग वर्मा की अध्यक्षता में सोमवार को आयोजित टाइम लिमिट में बाणसागर ग्रामीण समूह नल जल योजना फेज-1 की समीक्षा के दौरान जानकारी दी गई कि जिले में रामपुर बघेलान विकासखंड में 25 हजार नल कनेक्शन के विरुद्ध 14320 और उचेहरा में 10148 नल कनेक्शन किए गए हैं।
कलेक्टर ने सतना-बाणसागर ग्रामीण समूह फेज-2 के इंटेकवेल का निर्माण कार्य अभी तक प्रारंभ नहीं किये जाने पर अप्रसन्नता जताई। कलेक्टर ने कहा कि फेज वन में जिन कमियों के कारण विलंब हुआ है। उन्हें द्वितीय फेज में अभी से दूर कर लें।