सतना: नशे की लत से बिखरा परिवार, हत्यारे पति को कोर्ट ने दी उम्रकैद की सजा

  • आरोपी की पहली पत्नी से एक पुत्र और एक पुत्री थी जो आरोपी के पिता के साथ रहते थे।
  • सूचना पर थाना पुलिस ने मर्ग कायम कर हत्या का प्रकरण दर्ज किया और आरोपी को गिरफ्तार किया।

Bhaskar Hindi
Update: 2024-08-09 09:25 GMT

डिजिटल डेस्क,सतना। हत्या के एक मामले में यह कहावत नशा नाश की जड़ है बिल्कुल फिट बैठती है। जिससे मासूम के सिर से न सिर्फ ममता की छांव छिन गई बल्कि एक परिवार बिखर गया। मामला अमरपाटन अंतर्गत पुरानी बस्ती का है, जहां पत्नी की पीट-पीटकर आरोपी पति ने हत्या कर दी थी।

नशे ने जहां बाप को सलाखों के पीछे भेज दिया, वहीं मां का साया ढाई वर्षीय पुत्री के सिर से उठ गया। हत्या के इस मामले में अमरपाटन की अपर सत्र कोर्ट ने हत्यारे पति शोभनाथ प्रजापति पिता कुलिया प्रजापति निवासी सोनौरा पुरानी बस्ती अमरपाटन को आजीवन कारावास की सजा के साथ हत्यारे पति पर 5 हजार रुपए का अर्थदंड भी लगाया है। अभियोजन की ओर से एडीपीओ अजय कुमार सिंह ने पक्ष रखा।

नशा उतरा तो लगा रोने

आरोपी और उसकी पत्नी की अक्सर शराब पीने की लत के कारण लड़ाई होती थी। जिसमें उसकी पहली पत्नी के बच्चों को लेकर भी वाद-विवाद होता था। अभियोजन के अनुसार आरोपी की पहली पत्नी से एक पुत्र और एक पुत्री थी जो आरोपी के पिता के साथ रहते थे।

आरोपी ने दूसरी शादी राजकुमारी से किया था, जिससे उसे एक ढाई वर्ष की पुत्री थी। 22 अप्रैल 2022 की शाम को आरोपी ईंटें का काम करके घर आया और पत्नी राजकुमारी को खाना बनाने के लिए बोलकर गांव की तरफ चला गया।

जहां से रात 11 बजे वह शराब पीकर घर आया और खाना देने की बात पर पत्नी से विवाद करने लगा। शराब के नशे में आरोपी ने पत्नी को पटक-पटक कर बड़ी बेरहमी से मारा और बेहोश समझकर सो गया। सुबह जब शराब का नशा उतरा और वह होश में आया तो पत्नी को मृत देखकर घर के बाहर बैठकर रोने लगा।

नहीं था कोई चश्मदीद साक्षी

सूचना पर थाना पुलिस ने मर्ग कायम कर हत्या का प्रकरण दर्ज किया और आरोपी को गिरफ्तार किया। विवेचना के बाद आरोप पत्र अदालत में पेश किया। मामले में कोई चश्मदीद साक्षी नहीं था। पूरी घटना परिस्थितिजन साक्ष्य पर आधारित थी, जिसे अभियोजन ने अदालत में भलीभांति प्रमाणित किया।

अदालत ने मामले में प्रस्तुत साक्ष्य और परिस्थितियों का सूक्ष्म परिशीलन कर आरोपी को भादवि की धारा 302 का अपराध करने का दोषी पाए जाने पर जेल और जुर्माने की सजा से दंडित किया है।

इनका कहना है

प्रकरण में कोई चश्मदीद साक्षी नहीं था। कारण कि घटना चारदीवारी के अंदर की थी। अभियोजन ने लास्ट सीन थ्योरी और परिस्थितिजन साक्ष्य के आधार पर मामला प्रमाणित किया है।

अजय कुमार सिंह, एडीपीओ अमरपाटन

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