जवाब: वसंतदादा के खिलाफ हमने बगावत नहीं की थी, सभी ने बैठकर किया था फैसला - शरद पवार
- अजित पवार के बयान पर शरद पवार का खुलासा
- वसंतदादा के खिलाफ हमने बगावत नहीं की थी
- मुद्दे पर किसी को शिकायत करने की जरूरत नहीं
डिजिटल डेस्क, पुणे। अजित पवार के बयान पर जवाब देते हुए शरद पवार ने खुलासा किया। पवार ने कहा कि वसंतदादा के खिलाफ हमने कोई बगावत नहीं की थी, सभी ने बैठकर फैसला किया था। भीमथड़ी मेला देखने पहुंचे राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार ने अजीत पवार के बयान से जुड़े सवाल पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, तब मेरी कोई बगावत नहीं थी। हमारे समय में हम सब बैठकर निर्णय लेते थे। उस समय महाराष्ट्र के नेता थे यशवंतराव चव्हाण। उनके साथ चर्चा और विचार करने के बाद सभी ने बैठकर वह निर्णय लिया था। आज उसके बारे में शिकायत करने का कोई कारण नहीं है। आज किसी ने जो किया उसके बारे में भी मैं कोई शिकायत नहीं करना चाहता। उस पार्टी का संस्थापक कौन है जिसे जनता ने ही सत्ता और शक्ति दी? ये सारी बातें सबके सामने हैं। इसलिए मैं इस पर आगे चर्चा नहीं करना चाहता।
अजित पवार के बयान से जुड़े एक अन्य सवाल के जवाब में शरद पवार ने कहा, मैंने हमेशा नए लोगों को प्रोत्साहित करने की कोशिश की। हालाँकि, यह सच है कि पिछले 10 से 15 वर्षों से मैंने बारामती पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया है। मैंने कभी कोई निर्णय नहीं लिया, निर्णय लेने के बाद उन्हें कोई शिकायत नहीं थी।मैंने इस बात पर ध्यान नहीं दिया कि चीनी मिल और अन्य संस्थाओं में किस पद पर जाना चाहिए और किसे जिम्मेदारी लेनी चाहिए। पिछले दस सालों में मैंने किसी भी चीज़ पर ध्यान नहीं दिया। किसी कोई काम करने में परेशानी पैदा करने की भूमिका नहीं निभाई। शरद पवार ने कहा कि क्षेत्र की प्रतिष्ठा बढ़े इसका ख्याल रखना चाहिए। किसी को तो किसी की बात सुननी चाहिए, अब किसकी सुननी चाहिए ये उनका सवाल है। एक पार्टी के तौर पर मैंने हमेशा नये लोगों को मौका देने का ख्याल रखा, मैं इससे खुश हूं।
इसके अलावा एक सवाल के जवब में शरद पवार ने यह भी कहा कि उन्होंने खुद मल्लिकार्जुन खड़गे से कहा था कि उन्हें इंडिया गठबनधन की बैठक में प्रकाश अंबेडकर को अपने साथ ले जाना चाहिए। एक अन्य सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि सबकी मांग इथेनॉल का उत्पादन बढ़ाने की है। देश में वाहन बढ़ते जा रहे हैं। इसलिए इसका उत्पादन बढ़ाना जरूरी है। हमने इथेनॉल को भी बढ़ावा दिया। लेकिन केंद्र सरकार की मौजूदा नीति में कमी है, इस मामले में कुछ चीजें बाकी हैं और उन्होंने खुद लोगों की राय मोदी और शाह को भेजी है। शरद पवार ने आगे कहा कि खेल मंत्रालय ने भारतीय कुश्ती परिषद की नई संस्था को निलंबित करने में देरी की। उन्हें ये पहले ही करना चाहिए था। महिला खिलाड़ी जिन्होंने भारत को गौरवान्वित किया। उनके साथ दुर्व्यवहार करने का आरोप लगाया गया था। देश के लिए खेलते हुए सफलता हासिल करने वाली महिला खिलाड़ियों के साथ व्यवहार उचित नहीं था। शरद पवार ने यह भी स्पष्ट किया है कि भारतीय कुश्ती परिषद के सदस्यों को निलंबित करने का निर्णय पहले ही लिया जाना चाहिए था।