पुणे: बिहारी युवक की गोली मारकर हत्या के मामले में तीन गिरफ्तार
- तीन गिरफ्तार
- बिहारी युवक को गोली मारी
- हत्या के मामले में कार्रवाई
डिजिटल डेस्क, पुणे। देर रात दरवाजा खुलवाकर बिहार दरभंगा के रहने वाले एक युवक के सिर में गोली मारकर हत्या के मामले में पुलिस ने एक शातिर बदमाश सहित तीन को धरदबोचा है। दोस्त का जन्मदिन मनाने के दौरान शराब पीने के बाद पैसे को लेकर हुए विवाद में सनसनीखेज वारदात सोमवार देर रात करीब दो बजे खड़क पुलिस स्टेशन के अंतर्गत घोरपड़े पेठे में हुई। पुलिस को घटना स्थल पर दो खाली कारतूस मिले हैं और माना जा रहा है कि तीन से चार गोलियां मारी गई हैं। इस संबंध में पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया है। इस मामले के तीन आरोपियों को क्राइम ब्रांच की यूनिट वन की टीम ने गिरफ्तार कर लिया है।
इस वारदात में मारे गए व्यक्ति की पहचान अनिल रामदेव साहू (उम्र 35, निवासी 201 श्रीकृष्णा हाइट्स, दूसरी मंजिल, मूल निवासी वाजिदपुर, दरभंगा, बिहार) के रूप में हुई है। इस मामले में उनके चचेरे भाई धुरन कुमार हरिदेव साहू (उम्र 24) ने शिकायत दर्ज करायी है। इस मामले में पुलिस ने शातिर बदमाश नवनाथ लोढ़ा, रोहित संपत कोमकर (उम्र 23, निवासी श्रीकृष्णा हाइट्स गुरुवार पेठ), गणेश उल्हासराव शिंदे (उम्र 41, निवासी चव्हाणनगर, धनकवाड़ी) और अमन दीपक परदेशी (उम्र 29, निवासी घोरपड़े पेठ) को नामजद किया है। इनमें से लोधा फरार हो गया है जबकि अन्य तीनों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने बताया कि नवनाथ लोधा शातिर अपराधी है और उसके खिलाफ पहले मकोका (महाराष्ट्र संगठित अपराध प्रतिबन्ध कानून) के तहत कार्रवाई की गई थी।
पुलिस के मुताबिक, अनिल साहू साड़ी की दुकान में सेल्समैन के तौर पर काम करता था। वह पिछले तीन साल से घोरपड़े पेठ में किराए के मकान में रह रहा था। दो दिन पहले लोधा ने साहू से पांच हजार रुपए मांगे थे। उस समय साहू ने यह कहकर इनकार कर दिया कि उसके पास पैसे नहीं हैं। इसके चलते लोधा नाराज था। रविवार को आरोपी कोमकर का जन्मदिन था। उसके लिए सभी लोग बिल्डिंग के नीचे जमा हुए थे। उस समय साहू की लोधा, कोमकर और शिंदे के बीच बहस और मारपीट हुई थी। साहू ने लोधा को ढककर दे दिया। इसी गुस्से में आकर लोधा देर रात साहू के घर गया और उसकी कनपटी पर पिस्तौल रखकर गोली मारकर हत्या कर दी। सीसीटीवी फुटेज के आधार पर आरोपियों पर कार्रवाई की गई। आरोपी शिंदे और परदेशी को उनके घर से उठाया गया जबकि कोमकर को स्वारगेट इलाके से हिरासत में लिया गया।