आक्रोश: बारामती के अपने गढ़ में अजित पवार का मराठा समुदाय ने किया विरोध
- सभा में नारेबाजी कर मचाया हंगामा
- आरक्षण मिलने तक राज्य के हर गांव में नेताओं को नो एंट्री का ऐलान
डिजिटल डेस्क, पुणे। मराठा आरक्षण की मांग को लेकर राज्य भर में जारी आंदोलन अब धीरे धीरे उग्र बनता जा रहा है। कल राष्ट्रवादी कांग्रेस के अध्यक्ष शरद पवार के काफिले को रोकने की कोशिश करते हुए 'गो बैक' के नारे लगाए गए। इसके बाद राज्य के उपमुख्यमंत्री अजित पवार को अपने गढ़ बारामती में मराठा समुदाय के विरोध का सामना करना पड़ा। बारामती में अजित पवार की जनसभा में मराठा समुदाय को आरक्षण देने में राज्य सरकार की अनिच्छा के खिलाफ नारे लगाए गए। यही नहीं, प्रदर्शनकारियों ने राज्य के हर गांव में नेताओं की एंट्री रोकने की चेतावनी दी है। बहरहाल राष्ट्रवादी कांग्रेस के गढ़ बारामती में मराठा समुदाय ने सीधे तौर पर अजित पवार का विरोध किये जाने से खलबली मच गई है।
बारामती तालुका में सोमेश्वर सहकारी चीनी फैक्ट्री के 62वें पेराई सत्र के उद्घाटन के लिए कार्यक्रम स्थल पर जाते समय मराठा समुदाय के युवाओं ने एक मराठा लाख मराठा के नारे लगाए। पुलिस ने इन कार्यकर्ताओं को सभा स्थल से हटा दिया है। इसके बाद युवाओं ने यह रुख रखा है कि न सिर्फ बारामती बल्कि अजित पवार समेत राज्य की सत्ता पर काबिज नेताओं के लिए भी राज्य के हर गाँव का दरवाजा बंद कर रखा जायेगा। इससे पहले रविवार को बारामती तालुका के पंडारे में अजीत पवार के स्वागत समारोह के दौरान भी मराठा समाज के कार्यकर्ताओं ने पवार का घेराव करते हुए मराठा आरक्षण पर आपकी भूमिका क्या है? यह सवाल उठाया गया। सोमवार को सोलापुर के माढ़ा तालुका के पिंपलनेर में विट्ठल सहकारी चीनी फैक्ट्री के कार्यक्रम में जाते वक्त उपमुख्यमंत्री अजित पवार को मराठा समुदाय के कार्यकर्ताओं ने काले झंडे दिखाए। इसके बाद आज बारामती में अजित पवार का विरोध किया गया। बीते दिन पुणे में शरद पवार का काफिला रोकने की कोशिश की गयी। कुल मिलाकर मराठा समाज आरक्षण के लिए पूरा समुदाय आक्रामक हो गया है।
बारामती तालुका में सोमेश्वर सहकारी चीनी फैक्ट्री ने अपना 62वां पेराई सत्र के कार्यक्रम के पश्चात मीडिया प्रतिनिधियों से की गई बातचीत में पवार ने मराठा आरक्षण को लेकर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि, सरकार आरक्षण के पक्ष में है, लेकिन आरक्षण देते समय यह कानून के दायरे में होना चाहिए। पिछले दो बार दिए गए आरक्षण को एक बार भी हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट द्वारा खारिज नहीं किया जाना चाहिए। इस संबंध में सरकार के प्रयास जारी हैं। मराठा आरक्षण को लेकर जज शिंदे की एक कमेटी नियुक्त की है, वे इसके संदर्भ का अध्ययन कर रहे हैं। जारांगे पाटिल एक बार फिर भूख हड़ताल पर बैठने जा रहे हैं, इस संबंध में जब मीडिया ने उनसे पूछा तो उन्होंने कहा कि मैं चार-पांच दिनों से बाहर हूं, आज रात मुंबई जा रहा हूं. इसकी जानकारी आपको वहां जाकर मिलेगी। मैंने बारामती और सोलापुर में इस संबंध में अपनी स्थिति स्पष्ट कर दी है। जारांगे पाटिल द्वारा दी गई समयसीमा के बारे में पूछे जाने पर पवार ने कहा, जारांगे ने अपना पक्ष रख दिया है। इस संबंध में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई है। आरक्षण का मसला फिलहाल गर्म है। आरक्षण के मुद्दे पर कई युवा अपनी जान गंवा रहे हैं। उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने अपील की है कि आरक्षण के कारण किसी की जान नहीं जानी चाहिए। हम इतनी खूबसूरत दुनिया में पैदा हुए हैं, हमें अपनी जान नहीं देनी है। ऐसे कई मौके आते हैं, लेकिन अपनी जान दे देना कोई रास्ता नहीं है। अजित पवार ने युवाओं को सलाह दी कि आपको शेर की तरह रहना चाहिए।