पवार का पलटवार: भतीजे अजित के आरोपों पर शरद पवार बोले - हमारा रुख भाजपा के साथ का नहीं था

  • भतीजे अजित के आरोपों पर शरद पवार का पलटवार
  • इस्तीफा देने को लेकर चर्चा नहीं

Bhaskar Hindi
Update: 2023-12-03 14:06 GMT

डिजिटल डेस्क, पुणे/मुंबई. राकांपा के वरिष्ठ नेता शरद पवार ने कहा कि हमारा रुख शुरू से ही भाजपा और उसके जैसी प्रवृति वालों के खिलाफ है। कुछ साथी जो अलग रास्ता अपनाने की सोच रहे थे, वह हमारे या जनता को दिए गए शब्दों के अनुकूल नहीं था। हमारे जो लोग निर्वाचित हुए उन्हें भाजपा विरोधी वोट मिले हंै। शरद पवार पुणे में शनिवार को मीडिया के सामने भतीजे अजित पवार के आरोपों का जवाब दे रहे थे। उन्होंने कहा कि मैं अपने फैसले लेने में सक्षम हूं। अजित का नाम लिये बगैर शरद ने कहा कि मुझे अपना इस्तीफा वापस लेने के लिए किसी की अनुमति की जरुरत नहीं थी। शुक्रवार को ही राकांपा (अजित) के कर्जत में आयोजित चिंतन शिविर में उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने शरद पवार पर हमला बोला था। अजित ने कहा था कि शरद पवार ने ही मुझे कहा था कि मैं पार्टी अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे रहा हूं, तुम शिंदे सरकार में शामिल हो जाओ।

इस्तीफा देने को लेकर चर्चा नहीं

शरद पवार ने कहा कि मुझे किसी को यह बताने या किसी से अनुमति लेने की जरूरत नहीं हैं कि मैं इस्तीफा दे रहा हूं? मैं पार्टी का अध्यक्ष था, सामूहिक निर्णय हुआ। मेरे इस्तीफा देने के बाद आनंद परांजपे और जीतेंद्र आव्हाड को मुझे इस्तीफा वापस लेने का कहने की जरूरत नहीं थी। मुझ में अपने फैसले लेने की पूरी क्षमता है।

भाजपा का जितना विरोध उतना शिवसेना का नहीं : शरद पवार ने अजित पर निशाना साधते हुए कहा, हमारी भूमिका कभी भाजपा साथ जाने की नहीं है। भाजपा और शिवसेना के प्रति हमारा रुख अलग-अलग है। हम जितना भाजपा का विरोध कर रहे हैं, उतना शिवसेना का विरोध कभी नहीं था। अजित से मेरी एकमात्र शिकायत यह है कि उन्होंने फॉर्म भरते समय राष्ट्रवादी कांग्रेस का नाम लिया, उन्हें टिकट मेरे या जयंत पाटील के हस्ताक्षर और अनुमोदन से दिया गया था और उन्होंने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नाम पर वोट मांगे। इसलिए अब पार्टी के साथ असंगत रुख अपनाना ठीक नहीं है।

प्रफुल्ल की किताब का इंतजारः इस बीच राकांपा (अजित) गुट के नेता प्रफुल्ल पटेल ने दावा किया कि वे किताब लिखकर कई बातें उजागर करेंगे। शरद पवार ने कहा कि मैं खुद भी प्रफुल्ल पटेल की किताब का इंतजार कर रहा हूं। उन्हें इस पर भी किताब लिखनी चाहिए कि लोग कैसे पार्टी छोड़ते हैं। चुनाव हारने के बाद भी उन्हें केंद्र में मंत्री पद दिया था। पवार ने कहा कि उन्हें अपनी किताब में ईडी की टीम के घर आने का अध्याय भी रखना चाहिए। उनके मुंबई के घर की कितनी मंजिलें ईडी ने अपने कब्जे में ली और क्यों कब्जे में ली, इसका विवरण भी अपनी किताब में लिखे तो हम सभी के ज्ञान में वृद्धि होगी। शरद ने कहा इससे पहले भी कुछ विधायक पार्टी छोड़कर गए थे। तब पार्टी छोड़ने वाले 60 विधायकों में से 52 चुनाव हार गए थे।


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