बड़ा खुलासा: पुणे एंटी करप्शन ब्यूरो का एक ही दिन में ट्रिपल धमाका, करोड़ों की संपत्ति का भांडाफोड़
- सोलापुर के शिक्षाधिकारी और 2 रिटायर्ड शिक्षाधिकारियों के ठिकानों पर कार्रवाई
- मिली करोड़ों की संपत्ति
- सोलापुर, सांगली और पुणे में दर्ज हुए मामले
डिजिटल डेस्क, पुणे। एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी), पुणे ने एक ही दिन में 'ट्रिपल धमाका' करते हुए सोलापुर के शिक्षाधिकारी के साथ सांगली और पुणे के रिटायर्ड शिक्षाधिकारियों के साथ उनके परिवारों के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति पाए जाने को लेकर मामला दर्ज किया है। इन अधिकारियों के पास भ्रष्ट मार्ग से कमाई गई करोड़ों की संपत्ति उजागर हुई है। सोलापुर, सांगली और पुणे में आय से अधिक संपत्ति पाए जाने से इन मौजूदा और रिटायर्ड अधिकारियों और उनके परिवार के सदस्यों के खिलाफ मामले दर्ज किये गए हैं। उनमें सोलापुर जिला परिषद् के शिक्षाधिकारी किरण आनंद लोहार, सांगली जिला परिषद के माध्यमिक शिक्षा विभाग के रिटायर्ड शिक्षाधिकारी विष्णु मारुतीराव कांबले और पुणे जिला परिषद के माध्यमिक शिक्षा विभाग के रिटायर्ड शिक्षाधिकारी तुकाराम नामदेव सुपे का समावेश है।
सोलापुर जिला परिषद के तत्कालीन प्राथमिक शिक्षा अधिकारी किरण लोहार के परिवार की ओर से भ्रष्ट तरीकों से कमाई गई करीब छह करोड़ रुपये की संपत्ति का पता चला है और इस मामले में लोहार समेत उनकी पत्नी और बेटे के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है। किरण लोहार पहली बार तब चर्चा में आए जब सोलापुर जिले के परितेवाडी स्थित जिला परिषद स्कूल के तत्कालीन शिक्षक रंजीतसिंह डिसले, जिन्हें यूनेस्को और लंदन स्थित वर्की फाउंडेशन द्वारा सात करोड़ रुपये के वैश्विक शिक्षक पुरस्कार से सम्मानित किया गया था, की नियुक्ति से तीन साल तक गैरहाजिरी और अमेरिका में शोध छात्रवृत्ति के लिए मांगी गई छुट्टी को अस्वीकार कर दिया गया था। इसके कुछ ही दिनों में लोहार को एक शिक्षण संस्थान के निदेशक से 25,000 रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा गया। इस पृष्ठभूमि में एसीबी ने लोहार और उनके परिवार के सदस्यों द्वारा अर्जित संपत्ति की खुली जांच शुरू की।
15 नवंबर 1993 से 31 अक्टूबर 2022 की अवलोकन अवधि के दौरान, लोहार परिवार के पास ज्ञात कानूनी संपत्ति की तुलना में 112 प्रतिशत अधिक भ्रष्ट और अवैध संपत्ति पाई गई। आंकड़ों में यह 5 करोड़ 85 लाख 85 हजार 623 रुपये की अवैध संपत्ति है। इसके अनुसार, शिक्षा अधिकारी किरण लोहार (उम्र 50) को उनकी पत्नी सुजाता (उम्र 44) और बेटे निखिल (उम्र 25, तीनों निवासीआकांक्षा शिक्षा कॉलोनी, पचगांव, करवीर, जिला कोल्हापुर) ने गलत तरीके से प्रोत्साहित किया और मदद की। इसके लिए तीनों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। एसीबी सोलापुर कार्यालय के पुलिस निरीक्षक उमाकांत महाडिक ने सदर बाजार पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई है। मामले में आगे की जांच सहायक पुलिस आयुक्त गणेश कुंभार कर रहे हैं।
एसीबी ने टीईटी घोटाले के मुख्य आरोपी तुकाराम नामदेव सुपे (59, कल्पतरु सोसायटी, गांगर्डेनगर, पिंपले गुरव, पुणे) के खिलाफ पिंपरी चिंचवड़ के सांगवी पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया है। वे पुणे जिला परिषद् के माध्यमिक शिक्षा विभाग के शिक्षाधिकारी पद पर कार्यरत थे, फ़िलहाल रिटायर हैं। उन पर भ्रष्टाचार के जरिए 3 करोड़ 59 लाख 99 हजार रुपये कमाने का आरोप है। शिकायत में कहा गया है कि यह पैसा 1986 से 25 दिसंबर 2021 के बीच कमाया गया है। इस बारे में एसीबी के पुलिस निरीक्षक श्रीराम विष्णु शिंदे ने सांगवी पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई है। शिकायत में कहा गया है कि 1986 से 21 दिसंबर 2021 के बीच उन्होंने भ्रष्टाचार के जरिए कुल 3 करोड़ 59 लाख 99 हजार रुपये कमाए। उनके घर से 2 करोड़ 87 लाख 99 हजार रुपये नकद, 145 तोला सोने के आभूषण जिनकी कीमत 72 लाख रुपये है, कुल 3 करोड़ 59 लाख 99 हजार का माल जब्त किया गया है। यह पाया गया कि उनकी सार्वजनिक सेवा की अवधि के दौरान वैध आय इससे अधिक है। इसलिए उनके खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है। एसीबी की पुलिस उपअधीक्षक माधुरी भोसले घटना की आगे की जांच कर रही हैं।
इसी प्रकार से सांगली जिला परिषद् के माध्यमिक शिक्षा विभाग के रिटायर्ड शिक्षाधिकारी विष्णु मारुतीराव कांबले (59, निवासी शिवाजीनगर, बार्शी, सोलापुर) और उनकी पत्नी जयश्री विष्णु कांबले के खिलाफ भी आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने को लेकर मामला दर्ज किया गया है। उनके पास क़ानूनी ज्ञात संपत्ति स्त्रोत से 36 फीसदी अधिक संपत्ति पायी गई गई है। आंकड़ों में यह संपती 82 लाख 99 हजार 952 रुपए है। 16 जून 1986 से 6 मई 2022 इस कालावधि तक की उनकी संपत्ति का अवलोकन किया गया है। उनके खिलाफ सांगली के विश्रामबाग पुलिस थाने में सांगली एसीबी के पुलिस निरीक्षक विनायक भिलारे ने शिकायत दर्ज कराई है। मामले की छानबीन सांगली एसीबी के उपाधीक्षक संदीप पाटिल कर रहे हैं।