आकर्षण: राष्ट्रपति भवन में लगी पुणे के चित्रकार की नई ऑडियो टेक्सटाइल पेंटिंग
- नई ऑडियो टेक्सटाइल पेंटिंग
- राष्ट्रपति भवन में लगी पुणे के चित्रकार की कला
डिजिटल डेस्क, पुणे. राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति का नया चित्र लगा है। इस चित्र की विशेषता है कि इसे दृष्टिहीन लोग भी समझ सकते हैं। विशेषता यह भी है कि इस ऑडियो टेक्सटाइल पेंटिंग को यहां के चित्रकार चिंतामणि हसबनीस ने तैयार किया है। स्पर्श के माध्यम से जिसका अनुभव हम कर सकते हैं ऐसे पोर्ट्रेट के चित्रांश को शहर की ही नीरजा आप्टे की आवाज में दर्शक सुन भी सकते हैं। हसबनीस ने भास्कर को बताया कि वे बीते दस सालों से टेक्सटाइल पेंटिंग के जरिए दृष्टिहीनों की दिशा में काम कर रहे हैं। दृष्टि बाधितों को चित्र की विषय वस्तु से जोड़ना कलाकृति का अहम हिस्सा होता है। जिसके लिए दृष्टि बाधित, चित्र की विषय वस्तु और चित्रकार का चित्र एकरूपता का प्रतीक है।
उनके बनाए चित्रों में टेक्सटाइल में ब्रेल लिपी में लिखे को पढ़ा जा सकता है। देश के विभिन्न भागों से दिव्यांगजन राष्ट्रपति भवन आते हैं। उन्हें संपूर्ण वातावरण का अनुभव मिल सके इसलिए बीते दिनों राष्ट्रपति भवन नई दिल्ली में पर्पल फेस्ट का आयोजन किया गया था। केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय भारत सरकार द्वारा आयोजित फेस्ट में पुणे के चित्रकार हसबनीस की चित्र के साथ ब्रेल लिपि में तैयार राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की ऑडियो टेक्टाइल पेंटिंग भी प्रदर्शित हुई।
हसबनीस ने राष्ट्रपति को इस विशेष संकल्पना के बारे में बताया था। राष्ट्रपति ने इसे स्वीकार किया। अब यह व्यक्ति चित्र राष्ट्रपति भवन की चित्र दीर्घा में स्थायी तौर पर लगाया गया है। प्राज फाउंडेशन के परिमल चौधरी की आर्थिक सहायता से प्रकल्प और पोर्ट्रेट के निर्माण को गति प्राप्त हुई। यह भी इस चित्र कृति की विशेषता है। चिंतामणि हसबनीस द्वारा बनाए चित्रों का आनंद अब तक 4500 से अधिक दृष्टि बाधित व्यक्ति ले चुके हैं।