लोगों को दी सफाई: सांसद सुप्रिया ने कहा - 80 साल की उम्र में पिता को अकेले कैसे जाने दिया जा सकता है कोर्ट
- 80 साल की उम्र में पिता को अकेले कोर्ट कैसे जाने दिया जा सकता है
- सांसद सुप्रिया सुले ने अपने संसदीय क्षेत्र के लोगों को दी सफाई
डिजिटल डेस्क, पुणे। जिले के इंदापुर तालुका के बोरी गांव में ग्रामीणों से संवाद साधते हुए राष्ट्रवादी कांग्रेस (शरद पवार) की सांसद सुप्रिया सुले ने चुनाव क्षेत्र में कम समय देने को लेकर स्पष्टीकरण दिया है। उन्होंने कहा कि समय केस लड़ने में बीत रहा है। अपने पति-बच्चों को भी कहा कि अब 11 महीने बस मुझे टीवी पर देखिए। एक अकेला व्यक्ति सारी जिम्मेदारियां निभाते हुए क्या क्या करेगा। इसलिए अब अक्टूबर तक का समय नहीं है। हम निर्वाचन क्षेत्र के कार्य देखें या अदालती मामले। शरद पवार खुद अदालत जाते हैं, लेकिन 80 वर्षीय पिता को अदालत में अकेले कैसे जाने दिया जा सकता है। अब हारेंगे या जीतेंगे बाद में देखेंगे, लेकिन लड़ेंगे जरूर।
सुप्रिया सुले ने कहा कि कहते हैं कोर्ट कचहरी की नौबत किसी पर न आए, मगर अब एक बार जब कोर्ट की सीढ़ियां चढ़ गए, तो नीचे कैसे उतर सकते हैं। जब हम सच्चे होते हैं, तो हम लड़ाई के परिणाम से नहीं डरते। चुनाव आयोग सुनवाई कब करेगा पता नहीं है, यह भी पता नहीं ऐसा कब तक चलेगा। अब तो वकीलों के साथ रहने की आदत हो गई है। अगर लंबे समय तक किसी वकील से नहीं मिलती हैं, तो उन्हें अटपटा महसूस होता है। दोनों पक्षों के वकील मेरे मित्र हैं। तो मैं एक के साथ चाय पीती हूं और केस लड़ती हूं और खाना दूसरे वकील के साथ खाती हूं। लोग कहते हैं कि यस सब क्या हो रहा है? लेकिन मैं उन्हें प्यार से कहती हूं कि हमारी दोस्ती एक तरफ है और हमारी लड़ाई एक तरफ है। एक वकील तो पवार साहब से मिलकर सॉरी कहते हैं। वहां एक वकील जो सदानंद के मित्र है, वह भी मुझसे मिलने आते हैं। इसलिए, मतदाताओं, मेरी मुश्किलों को समझें, मैं निर्वाचन क्षेत्र से गायब नहीं हुई हूं।