ब्लड सैंपल मामला: मेडिकल काउंसिल ने डॉक्टरों से पूछा - क्यों न आपको सेवा से बर्खास्त कर दिया जाए
- बेटा 12 जून तक रिमांड होम में रहेगा
- 10 जून तक पुलिस कस्टडी में माता-पिता
- नोटिस किया जारी
डिजिटल डेस्क, पुणे. कल्याणीनगर ड्रंक एंड ड्राइव मामले में महाराष्ट्र मेडिकल काउंसिल, मुंबई ने ससून के आरोपी डॉक्टरों अजय तावरे और श्रीहरि हालनोर को बर्खास्त करने की तैयारी कर ली है। इसे लेकर दोनों डॉक्टरों को नोटिस भी भेजा गया है जिसका जवाब सात दिनों में मांगा गया है। आज नाबालिग के माता-पिता सहित आरोपी डॉक्टरों व कर्मचारी को कोर्ट में पेश किया गया। शिवानी और विशाल अग्रवाल को 10 जून तक पुलिस कस्टडी में रखने के आदेश अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश वी.आर. कचरे ने दिए हैं। साथ ही डॉ. तावरे, डॉ. हालनोर और कर्मचारी अतुल घटकांबले को 7 जून तक पुलिस कस्टडी में भेजा गया है। नाबालिग को 12 जून तक रिमांड होम में रहने के आदेश भी कोर्ट ने दिए हैं।
महाराष्ट्र मेडिकल काउंसिल, मुंबई ने दोनों डॉक्टरों तावरे-श्रीहरि को कारण बताओ नोटिस भेजा है। इसमें लिखा है कि आप को सर्विस से क्यों न बर्खास्त किया जाए? दोनों डॉक्टर फिलहाल पुलिस कस्टडी में है। दोनों के परिजन कोर्ट में उपस्थित थे और वकील से नोटिस को लेकर चर्चा करते नजर आए। कोर्ट में ड्रंक एंड ड्राइव केस के जांच अधिकारी एसीपी सुनील तांबे ने दलील दी कि ससून हॉस्पिटल में नाबालिग का जो ब्लड सैंपल बदला गया था वह शिवानी अग्रवाल का है। बुधवार फॉरेंसिक रिपोर्ट आने के बाद यह बात सामने आई है कि शिवानी ने अपना ब्लड दिया था। पुलिस ने यह भी बताया कि विशाल और शिवानी अग्रवाल का ब्लड सैंपल बदलने में हाथ है। इन दोनों का साथ किन लोगों ने दिया इसकी जांच भी जारी है। साथ ही एसीपी सुनील तांबे ने कहा कि अपराध में इस्तेमाल की गई टू-व्हीलर घटकांबले के पास से जब्त करना है। नाबालिग का ब्लड सैंपल कहां रखा है और सीरींज इन पांचों आरोपियों में से किसने छिपाई है, इसकी जांच भी करना है। इसके लिए एसीपी सुनील तांबे ने कोर्ट के समक्ष 10 दिनों की पुलिस कस्टडी की मांग की थी।
शिवानी की दोनों बहनों ने कोर्ट के अंदर की प्रार्थना
कोर्ट में जब सरकारी और आरोपी वकील के बीच तर्क चल रहा था तब शिवानी अग्रवाल की दो बहनें कोर्ट में उपस्थित थी। वह शिवानी और विशाल अग्रवाल के लिए प्रार्थना करती दिखी। कटघरे में बैठी शिवानी को उसकी बहन ने इशारा किया कि वह भी प्रार्थना करें कि पुलिस कस्टडी नहीं मिले। जैसे ही कोर्ट ने पुलिस कस्टडी के आदेश दिए, दोनों बहनें उदास हो गई। बाद में वे शिवानी से मिलने की कोशिश करती रही लेकिन पुलिस ने उन्हें दूर रखा।
ब्लड सैंपल बदलने का आरोपी है डॉ. तावरे
डॉ. अजय तावरे पर गंभीर आरोप है कि वह ब्लड सैंपल बदलने का मास्टर माइंड है। साथ ही पुलिस के पास डॉ. तावरे को लेकर पुख्ता सबूत है। फिर भी डॉ. तावरे को किसी भी तरह का डर नहीं है। वह कोर्ट में भी मुस्कुराता नजर आया है। कोर्ट में अब तक तीन बार पेश किया जा चुका है, तीनों बार डॉ. तावरे के चेहरे पर किसी तरह की परेशानी या अपराध बोध दिखाई नहीं दिया।
नाबालिग को 12 जून तक रखा जाएगा रिमांड होम
नाबालिग की 5 जून को रिमांड होम की अवधि समाप्त हुई थी। जिस पर बाल न्याय मंडल में सुनवाई हुई। इसमें नाबालिग को 12 जून तक रिमांड होम में रखने का आदेश दिया गया है। इसमें पुलिस की तरफ से तर्क दिया गया कि घटना के बाद नागरिकों द्वारा नाबालिग की पिटाई की गई थी। नाबालिग की जान को खतरा है, साथ ही उसके माता-पिता अभी पुलिस कस्टडी में हैं, इसलिए नाबालिग को घर छोड़ना उचित नहीं रहेगा। पुलिस ने यह भी कहा कि नाबालिग की काउंसिलिंग और नशा मुक्ति को लेकर सत्र चल रहे हैं, जिसे पूरा करना आवश्यक है। इस पर नाबालिग के वकील प्रशांत पाटिल ने कहा कि कानूनन नाबालिग को 14 दिनों के बाद नहीं रख सकते है। अतिरिक्त सरकारी वकील मोनाली काले ने कहा कि यह नाबालिग को पुर्नवसन के लिए रिमांड होम में रखा जा रहा है, ना कि बच्चे को रिमांड होम की कस्टडी में रखा गया है।