निशाना: भाजपा के दिल्ली दरबार में देवेंद्र फडणवीस के रूप में हो रहा मराठी मानुष का अपमान

  • राष्ट्रवादी कांग्रेस की सांसद सुप्रिया सुले ने जताया अफसोस
  • दिल्ली दरबार में मराठी मानुष के अपमान का आरोप

Bhaskar Hindi
Update: 2023-12-29 13:45 GMT

डिजिटल डेस्क, पुणे। किसानों के मसलों पर राष्ट्रवादी कांग्रेस (शरद पवार गुट) द्वारा शिवनेरी से पुणे जिलाधिकारी कार्यालय तक आक्रोश मोर्चा निकाला जा रहा है जो जिले के गांव गांव से गुजर रहा है। आक्रोश मोर्चा का तीसरा दिन शुक्रवार की सुबह जुन्नर से शुरू हुआ। इस मौके पर सांसद सुप्रिया सुले ने मीडिया से बातचीत में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के शरद पवार गुट से सांसद सुप्रिया सुले ने भाजपा के दिल्ली दरबार में राज्य के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस के अपमान की आलोचना की है। सुप्रिया सुले ने कहा कि भाजपा ने दो बार देवेन्द्र फड़णवीस का डिमोशन किया है, दिल्ली में एक मराठी मानुष का अपमान हो रहा है, इसलिए मुझे दुख हो रहा है। इस मौके पर सांसद अमोल कोल्हे भी मौजूद थे। शिवसेना के शिंदे गुट के प्रमुख एकनाथ शिंदे मुख्यमंत्री के तौर पर राज्य की कमान संभाल रहे हैं। उनके साथ सिर्फ 40 विधायक हैं। उतने ही विधायक साथ लेकर सरकार में शामिल अजित पवार उपमुख्यमंत्री बन गए हैं। मगर भाजपा के पास 105 विधायक होने के बावजूद भी देवेन्द्र फड़णवीस उपमुख्यमंत्री के रूप में काम कर रहे है।

किसान आक्रोश मोर्चा के दौरान सुप्रिया सुले ने किसानों के कई मुद्दे उठाए और केंद्र सरकार को निशाने पर लिया। उन्होंने उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़णवीस पर भी टिप्पणी की। सुले ने कहा, 2014 के विधानसभा चुनाव के बाद पांच साल तक देवेंद्र फड़णवीस मुख्यमंत्री रहे। दुर्भाग्य से अब भाजपा की सरकार होने के बावजूद वह मुख्यमंत्री नहीं रह पाये। उन्हें ज्यादा अधिकार भी नहीं दिए गए हैं। महाराष्ट्र का एक कुशल नेता बड़ा हुआ, मुख्यमंत्री बना, लेकिन आपने (भाजपा) ने उसे उप मुख्यमंत्री बना दिया। आप उनका और कितना अपमान करेंगे? यह सवाल भी सांसद सुप्रिया सुले ने उठाया और कहा, पहले देवेंद्र फड़णवीस मुख्यमंत्री थे। फिर आपने उन्हें उपमुख्यमंत्री बना दिया। उसके बाद अब आधे उपमुख्यमंत्री ने किया है। क्या यह फड़नवीस के साथ अन्याय नहीं है? मैं विरोधी के तौर पर नहीं बोल रहा हूं। अगर कोई नेता कड़ी मेहनत कर रहा है, अपने बल पर 105 विधायक चुनकर ला रहा है तो क्या उसका सम्मान नहीं किया जाना चाहिए? लेकिन, दिल्ली दरबार में एक मराठी मानुष का अपमान हो रहा है। मुझे इस बात का बहुत दुख है।

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