मराठा आरक्षण: पुणे- मुंबई हाइवे पर उतरा मराठा सैलाब, 36 घंटे तक यातायात बाधित - लोनावला में सभा
- जरांगे की अपील - इतिहास बनाएं, करोड़ों मराठा आरक्षण लेकर शांति से लौटे
- लोनावला की सभा में जरांगे पाटिल की समुदाय से अपील
- मुंबई की ओर कूच कर चुका है मराठा समुदाय
डिजिटल डेस्क, पुणे। आरक्षण की मांग को लेकर मुंबई ओर कूच कर चुके मराठा नेता मनोज जरांगे पाटिल का काफिला रायगढ़ जिले में दाखिल हुआ। प्रदर्शनकारियों को मुंबई पुणे एक्सप्रेसवे पर जाने से रोकने के लिए पुलिस प्रशासन ने मुंबई पुणे एक्सप्रेसवे की ओर जाने वाले वैकल्पिक मार्ग पर बैरिकेड्स लगाए थे। पुराने मुंबई पुणे राष्ट्रीय राजमार्ग के साथ-साथ मुंबई पुणे एक्सप्रेसवे के स्थानों पर भारी पुलिसबल तैनात था। शाम साढ़े आठ बजे के बाद संपूर्ण मराठा समाज का हुजूम जिले में प्रवेश कर खोपोली की ओर निकला। इस मोर्चा के कारण पुराने मुंबई पुणे राष्ट्रीय राजमार्ग पर यातायात लगभग 36 घंटे तक बाधित रहा। मराठा मोर्चा के वाहनों की बड़ी संख्या के कारण पुराने मुंबई पुणे राष्ट्रीय राजमार्ग पर 20 से 25 किलोमीटर तक वाहनों की लंबी कतारें लगी रहीं।
सरकारी प्रतिनिधिमंडल से हुई चर्चा बेनतीजा
पुणे जिले से निकलने के पहले सरकार के प्रतिनिधि मंडल ने मनोज जारांगे पाटिल के साथ एक घंटे तक बैठक की। हालांकि, इस चर्चा में कोई समाधान नहीं निकलने के कारण यह बैठक बेनतीजा रही। इस दौरान जरांगे ने कहा कि हमें केवल मराठा आरक्षण से मतलब है, वह चाहे लोनावला में मिले, नवी मुंबई या आजाद मैदान में मिले, कोई बात नहीं। यह कहकर जरांगे पाटील ने मुंबई जाने का फैसला किया। इसके बाद दो घंटे बाद फिर रायगढ़ और नवी मुंबई के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के प्रतिनिधि मंडल ने विरोध स्थल और मार्च के रूट बदलने को लेकर चर्चा की। जरांगे पाटिल इस पर भी नहीं माने और जरांगे का काफिला मुंबई की ओर निकल गया। लोनावला शहर और आसपास के क्षेत्र के स्थानीय नागरिकों के साथ महिलाओं विभिन्न स्थानों पर काफिले का इंतजार कर रही थीं। कई स्थानों पर महिलाओं ने जरांगे की आरती उतारी और फूलों की वर्षा की।
लोनावला के 150 एकड़ क्षेत्र पर हुई भव्य सभा
इससे पूर्व लोनावला में मनोज जरांगे पाटिल ने उपस्थित जनसमुदाय को संबोधित करते हुए कहा, जब तक मराठा समुदाय के आखिरी मराठा को आरक्षण नहीं मिल जाता, तब तक चुप नहीं बैठेंगे और आरक्षण लिए बिना पीछे नहीं हटेंगे। किसी भी हाल में आंदोलन को भड़कने न दें, हम एकजुट रहें, यह आंदोलन शांतिपूर्ण तरीके से चलना चाहिए। कहीं भी कानून अपने हाथ में न लें, शब्दों का दुरुपयोग न करें, अगर कोई अनुचित प्रकार कर आंदोलन को बदनाम करने की कोशिश करता है तो उसे पकड़कर पुलिस के हवाले करें। याद रखिये अब यह इतिहास बनना चाहिए कि मराठा समुदाय मुंबई में करोड़ों की संख्या में एक साथ आया और शांतिपूर्वक आरक्षण लेकर लौट गया। अगर कोई असंतुष्ट दिखता है तो सावधान रहें, हम मुंबई में शांतिपूर्वक विरोध करना चाहते हैं, दंगाइयों को पुलिस को सौंप दें। यह सभा गुरुवार दोपहर लोनावला के पास वाकसाई में जगद्गुरु संत तुकाराम महाराज पादुका स्थान के पास पुराने मुंबई पुणे राष्ट्रीय राजमार्ग के पास लगभग 150 एकड़ जमीन पर आयोजित की गई थी।
मराठा आरक्षण विरोधियों को दी चेतावनी
जरांगे पाटिल बुधवार रात करीब 8:30 बजे लोनावला आने वाले थे. लेकिन पुणे से लोनावला की ओर आ रहे मनोज जारांगे पाताल के काफिले को सभास्थल पर पहुंचने में बुधवार रात 8:30 बजे की जगह गुरुवार सुबह 7 बज गए। उस स्थान पर थोड़ी देर आराम करने के बाद दोपहर साढ़े बारह बजे जरांगे पाटिल सभास्थल पर आये। इस अवसर पर उपस्थित लाखों मराठा भाईयों ने एक मराठा लाख मराठा के नारे लगाये, जिससे पूरा क्षेत्र गूँज उठा। जरांगे पाटिल ने कहा, यह इतिहास है कि मराठा जब लड़ते हैं तो जीतते हैं। हमें इतिहास बनाना है कि मराठा चुपचाप बैठे रहें तो भी जीतें। शांतिपूर्ण आंदोलन ने आरक्षण को अंतिम चरण पर पहुंचा दिया है।
54 लाख मराठा भाइयों को तत्काल ओबीसी प्रमाण पत्र दें, उनके परिवारों और उनके निकटतम परिवार के सदस्यों को भी आरक्षण दें। क्या कोई आपके नाम पर राजनीति करने की कोशिश तो नहीं कर रहा है? इस पर नजर रखने की सलाह देते हुए उन्होंने कहा, हम यहां समाज के हित के लिए आए हैं, किसी के लिए राजनीतिक रोटियां सेंकने के लिए नहीं। मराठा आरक्षण का विरोध करने वालों को चेताते हुए जरांगे पाटिल ने कहा, मैं देखना चाहता हूं कि मराठों के खिलाफ कौन बात कर रहा है। मराठों के खिलाफ बोलने पर किसी की हिम्मत नहीं होनी चाहिए। एक बार हमें शांतिपूर्ण तरीके से ही यह आरक्षण मिल जाए फिर एक एक को देखेंगे।