आरोप: राज्य में जातीय दंगे कराकर मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं छगन भुजबल
मनोज जारांगे पाटील का तंज
डिजिटल डेस्क, पुणे। मराठा समुदाय को आरक्षण देने के लिए राज्य सरकार को 24 दिसंबर तक की मोहलत देकर अपना अनशन स्थगित करने के पश्चात् मराठा योद्धा मनोज जारांगे-पाटील ने मराठा आरक्षण की लड़ाई को तेज करने के लिए राज्यव्यापी अभियान शुरू किया है। इस क्रम में कल दिन भर सांगली, विटा, इस्लामपुर के बाद रात में कोल्हापुर में सभा की। इसके बाद शनिवार की सुबह वे सातारा शहर पहुंचे। यहाँ उन्होंने राज्य के वरिष्ठ ओबीसी नेता और राज्य सरकार के मंत्री छगन भुजबल पर जमकर निशाना साधा। भुजबल की मंशा मुख्यमंत्री बनने की है, इसलिए वे यह सब कर रहे हैं। वे राज्य में जातीय तनाव निर्माण कर दंगे करना चाहते हैं, यह सनसनीखेज आरोप जारांगे पाटील ने लगाया।
सातारा में सभा को संबोधित करने से पहले उन्होंने कलेक्टर कार्यालय के सामने चल रही मराठा समाज के लोगों की श्रृंखलाबद्ध भूख हड़ताल का दौरा किया। यहाँ पटाखों की आतिशबाजी कर उनका स्वागत किया गया, साथ ही क्रेन की मदद से उन्हें बड़ी माला पहनाई गई। उन्होंने यह भी कहा कि आरक्षण को लेकर सातारा के दोनों राजा उनके साथ हैं। इस समय 'जय भवानी, जय शिवाजी... एक मराठा, एक लाख मराठा...' जैसे नारों से पूरा इलाका गूंज उठा। उन्होंने छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की।
आरक्षण को लेकर ओबीसी और मराठा समुदाय आमने-सामने नजर आ रहे हैं। छगन भुजबल ने जालना जिले के अंबड में ओबीसी यलगार परिषद् में मराठा समुदाय के खिलाफ आक्रामक रुख अपनाया। भुजबल ने मराठा आरक्षण संघर्ष का नेतृत्व करने वाले मनोज जारांगे पाटिल की कड़ी आलोचना की। यहाँ मीडिया से बात करते हुए मनोज जारांगे से छगन भुजबल के बयान पर उनकी प्रतिक्रिया मांगी गई। भुजबल द्वारा की गई आलोचना का जवाब मनोज जारांगे ने उसी भाषा में दिया। उन्होंने भुजबल पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि, छगन भुजबल मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं, उसके लिए ये सब चल रहा है। हालाँकि यह मुश्किल है क्योंकि अगर ऐसा हुआ तो अजीत पवार और देवेंद्र फडनववीस कहाँ जाएंगे? वे राज्य में सांप्रदायिक दंगा कराना चाहते हैं।
उन्होंने कहा, जिनके हाथों में सत्ता है, जो राज्य के संरक्षक हैं, संवैधानिक पदों पर बैठे हैं, वे इस राज्य में अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए इस तरह के जहरीले बयान देकर दंगे भड़काना चाहते हैं। यशवंतराव चव्हाण द्वारा स्थापित आदर्श को भूलाकर इस राज्य में सांप्रदायिक दंगे कैसे होंगे और अपनी राजनितिक महत्वाकांक्षा कैसे पूरी होगी, इसके लिए उनके प्रयास जारी हैं। जनता को सामने देखने पर पता चला कि शरीर में कितनी हवा भर जाती है। एक कद्दावर नेता की संस्कृति और विचार भी देखने को मिले, ये मैंने पहली बार देखा। कोई नया नेता होता तो ठीक रहता, लेकिन ऐसा नेता कभी नहीं देखा जो प्रचार के लिए ऐसे जहरीले विचार अपने पेट में पालता हो। मेरी मुख्यमंत्री और दोनों उपमुख़्यमंत्रियों से गुजारिश है कि उन्हें रोकें अन्यथा हम जैसे को तैसा जवाब देना जानते हैं।
मनोज जारांगे ने आगे कहा कि मराठा समाज समझदार की भूमिका निभाएगा। हम इस राज्य में सांप्रदायिक दंगे नहीं चाहते, हमें आरक्षण पाना है। हालाँकि, अब ओबीसी समुदाय को भी एहसास हो गया है कि वे हमारा इस्तेमाल करके यह सपना देखने वाले हैं और दंगे कराएंगे। मनोज जारांगे पाटिल ने यह भी कहा कि अगर मराठा समुदाय के सबूत मिल गए हैं तो उन्हें भी एहसास हो गया है कि उन्हें आरक्षण देना होगा। मैं भी इतना आसान नहीं हूँ, दिखने में छोटा हूँ। मगर वे मराठा समुदाय पर बोलने लायक नहीं हैं। वैचारिक विरोध करें लेकिन पद की गरिमा बनाये रखें। वे सांप्रदायिक तनाव पैदा कर दंगा कराना चाहते हैं। लोगों के पैसे खाने पर क्या होता है? ये तो सबने देखा है। महाराष्ट्र सदन को लूटकर खाया गया। जनता का खून चूस कर करोड़ों की संपत्ति कमाई। इसलिए जेल में बेसन रोटी खाने की नौबत आयी। फुले शाहू के आदर्श को छोड़कर भटक गये हैं, लेकिन उनके दंगे करने के सपने को कभी पूरा नहीं होने दिया। मनोज जारांगे ने अपील की कि राज्य में शांति बनी रहे।