निशाना: प्याज के दाम गिराकर किसानों को खून के आंसू रुला रही सरकार
- किसानों को खून के आंसू रुला रही सरकार
- राष्ट्रवादी कांग्रेस (शरद पवार गुट) के विधायक रोहित पवार ने जताई नाराजगी
डिजिटल डेस्क, पुणे। जैसे ही प्याज किसानों को 4 पैसे मिलने लगे, केंद्र सरकार ने निर्यात मूल्य बढ़ाकर रोड़ा पैदा कर दिया। प्याज निर्यात पर न्यूनतम निर्यात मूल्य 800 डॉलर लगा दिया गया। ऐसे में सरकार किसानों को बर्बाद करने पर तुली है क्या? यह आशंका निर्माण होती है। इन शब्दों में राष्ट्रवादी कांग्रेस के विधायक (शरद पवार गुट) रोहित पवार ने अपना गुस्सा जाहिर किया है।
खुदरा बाजार में प्याज की कीमत बढ़ने के बाद केंद्र सरकार ने 19 अगस्त को प्याज के निर्यात पर 40 फीसदी निर्यात कर लगा दिया था। चूंकि उसके बाद भी प्याज का निर्यात जारी रहा, इसलिए 28 अक्टूबर को प्याज के निर्यात पर 800 डॉलर प्रति टन का न्यूनतम निर्यात मूल्य लगाया गया। इसके बाद प्याज की कीमत में तेजी से गिरावट आई है। 28 अक्टूबर से रविवार 5 नवंबर तक आठ दिनों में किसानों को मिलने वाले दाम में 1,000 रुपये से 1,500 रुपये प्रति क्विंटल की गिरावट आई है।
इस पर रोहित पवार ने ट्वीट कर अपना गुस्सा जाहिर किया। पवार ने कहा कि ''जब किसान पहले से ही सूखे से जूझ रहे थे, तो शुरू में प्याज के निर्यात पर 40 प्रतिशत निर्यात शुल्क लगाया गया था, इसके खिलाफ आक्रोश के बाद, उन्होंने 3 लाख मीट्रिक टन की मामूली प्याज खरीद का गाजर दिखाया और अब जैसे ही प्याज किसानों को प्याज निर्यात पर 4 पैसे, लगभग 800 डॉलर मिलने लगे। इतने ऊंचे न्यूनतम निर्यात मूल्य का स्तर बढ़ा दिया। इसके चलते प्याज की कीमतों में कम से कम औसतन 5000 रुपये प्रति क्विंटल की गिरावट आई है। सरकार दिवाली पर किसानों की आंखों में आंसू लाने का पाप कर रही है।' मेरा सरकार से अनुरोध है कि अगर सरकार को किसानों की थोड़ी सी भी परवाह है तो उसे तुरंत इस न्यूनतम निर्यात मूल्य को वापस लेना चाहिए और अगर राज्य के आम आदमी के लिए समय है तो राज्य सरकार को भी इसके लिए केंद्र से प्रयास करना चाहिए।