पुणे: छत्तीसगढ़ की नाबालिग से रेप, महिला समेत 3 गिरफ्तार
- मुख्य आरोपी आरपीएफ कॉन्स्टेबल अब तक फरार
- छत्तीसगढ़ की युवती से रेप
- 3 गिरफ्तार
डिजिटल डेस्क, पुणे। रेलवे सुरक्षा बल के एक कांस्टेबल पर छत्तीसगढ़ से अपने प्रेमी के साथ भागकर आयी नाबालिग से बलात्कार का आरोप लगा है। जिसके बाद रेलवे पुलिस ने गहन जांच शुरू कर दी है। इस मामले में लोहमार्ग पुलिस ने मंगलवार को एक महिला समेत दो लोगों को गिरफ्तार किया है। पता चला है कि आरोपी कॉन्स्टेबल ने रेलवे परिसर में अवैध सिद्धार्थ मल्टीपरपज सोसायटी नामक संस्था शुरू कर रखी थी। इसी संस्था में उसने पीड़ित लड़की के साथ बलात्कार किया था। ऐसा संदेह है कि कांस्टेबल और उसके साथियों ने संस्था की कुछ और लड़कियों के साथ दुर्व्यवहार किया, जो अपने साथियों के साथ घर से भाग गईं और मामले की गहन जांच की जा रही है। इस बीच मंगलवार को महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के कार्यकर्ताओं द्वारा संस्था के दफ्तर में तोड़फोड़ करने की खबर है।
इस मामले में लोहमार्ग पुलिस ने मंगलवार को सुष्मिता कसबे और करण राठौड़ नामक दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। अदालत में पेश करने पर उन्हें 12 नवंबर तक पुलिस हिरासत में रखने का आदेश दिया गया। इससे पहले, इस मामले में कमलेश तिवारी (उत्तर प्रदेश के मूल निवासी) को गिरफ्तार किया गया था। इस संबंध में रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) के कांस्टेबल अनिल पवार के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। यह मामला सामने आने के बाद रेलवे सुरक्षा बल ने पवार को निलंबित कर दिया। फिलहाल पवार फरार हो गया है और लोहमार्ग पुलिस उसकी तलाश कर रही है। इस बारे में पुणे रेलवे स्टेशन लोहमार्ग पुलिस स्टेशन में पीड़ित लड़की ने शिकायत दर्ज कराई है। इस बीच रेलवे क्षेत्र के सिद्धार्थ मल्टीपर्पज सोसायटी में नाबालिग लड़की से दुष्कर्म का मामला सामने आने के बाद मंगलवार दोपहर मनसे कार्यकर्ताओं ने संगठन के कार्यालय में तोड़फोड़ की। मनसे नेता वसंत मोरे और उनके कार्यकर्ताओं नेइस मामले में आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की।
क्या है पूरा मामला
छत्तीसगढ़ निवासी पीड़ित नाबालिग 10वीं कक्षा में पढ़ती है, उसका एक युवक से अफेयर था। दोनों घर से भागकर पुणे आ गए। इसके बाद लड़की के माता-पिता ने छत्तीसगढ़ के स्थानीय पुलिस स्टेशन में लड़की के लापता होने की शिकायत दर्ज कराई। स्थानीय थाने में लड़की के प्रेमी के खिलाफ अपहरण का मामला दर्ज किया गया। इस बीच, लड़की और उसका दोस्त पिछले महीने पुणे रेलवे स्टेशन पर पाए गए। यहां वे कांस्टेबल अनिल पवार के हत्थे चढ़ गए। जांच में पता चला है कि पवार घर से भागे हुए बच्चों को इस संस्था में रखता था। पवार ने संस्था में कुछ लोगों को नौकरी पर रखा था। पुणे रेलवे स्टेशन पर भागी हुई लड़कियों की ढूंढने के लिए कर्मचारियों को नियुक्त किया गया था। वह उन्हें हर महीने पैसे देता था। पवार को निलंबित कर दिया गया है और उनकी तलाश की जा रही है।