लाल-नीली बत्ती मामला: पुणे पुलिस का नोटिस मिलते ही, पूजा खेडकर के बंगले से गायब हुई कार
- मां का किसानों को धमकाने का वीडियो वायरल
- बढ़ सकती है पूजा की मां की परेशानियां
डिजिटल डेस्क, पुणे। निजी ऑडी कार पर लाल-नीली बत्ती लगाने के मामले में पुणे पुलिस ने गुरुवार की शाम को y[] भेजा था। नोटिस मिलने के दूसरे दिन ही पूजा खेडकर के बंगले से संबंधित कार सहित एक और लग्जरी कार को हटा दिया गया। पुलिस ऑडी सहित दूसरी लग्जरी कार की तलाश कर रही है। ज्ञात हो कि, आईएएस पूजा खेडकर जब प्रोबेशनरी ऑफिसर थीं, तब वह अपनी निजी कार पर लाल-नीली बत्ती लगवाने को लेकर सुर्खियों में आ गई। पिछले दिनों मीडिया में इस संदर्भ में खबरें प्रकाशित होने के बाद यातायात नियमों के उल्लंघन के मामले में पुणे पुलिस पूजा खेडकर के बाणेर स्थित बंगले पर पहुंची, लेकिन पूजा की मां ने दरवाजा नहीं खोजा। इसके बाद पुलिस ने उन्हें ऑनलाइन नोटिस भेजी। यह नोटिस मिलने भेजे जाने के बाद अब खबर आ रही है कि, शुक्रवार को बंगले से यह कार गायब हो गई है। पूजा खेडकर की कार थर्मोवेरिटा इंजीनियरिंग प्राइवेट लिमिटेड नामक कंपनी के नाम पर है। इस कंपनी की मूल मालिक मनोरमा खेडकर के पूर्व सहकर्मी हैं। कार के असली मालिक की जानकारी सामने आने के बाद पुलिस उन्हें नोटिस जारी करने की कार्रवाई कर सकती है।
बढ़ सकती है पूजा की मां की परेशानियां, किसानों को धमकाने का वीडियो हुआ वायरल
दूसरी ओर पूजा खेडकर की मां मनोरमा खेडकर द्वारा मुलशी तहसील के किसानों को पिस्तौल से धमकाने का एक वीडियो सोशल मीडिआ पर वायरल हुआ है। बताया जाता है कि, पूजा के पिता दिलीप खेडकर की मुलशी तहसील में 25 एकड़ जमीन है। बताया जाता है कि, इस जमीन को खरीदने के दौरान उन पर जमीन कब्जाने का भी आरोप लगा था। किसानों द्वारा विरोध करने पर मनोरमा खेडकर ने किसानों को पिस्तौल दिखा कर धमकाया था। पुणे ग्रामीण पुलिस मनोरमा खेडकर के इस वीडियो की जांच करेगी कि यह वीडियो कब का है? क्या मनोरमा खेडकर के पास पिस्तौल का लाइसेंस है? इसकी भी जांच की जाएगी। हालांकि पौड पुलिस स्टेशन में इस संबंध में कोई शिकायत दर्ज नहीं हुई है।
- पूजा खेडकर पर लगा चोर को बचाने का आरोप
पूजा खेडकर को लेकर हर दिन नए खुलासे सामने आ रहे हैं। अब पूजा खेडकर का एक और कारनामा सामने आया है। इसमें पूजा खेडकर ने पुलिस अधिकारी पर दबाव बनाया। यह मामला ज्यादा पुराना नहीं बल्कि 18 मई का है। चोरी के आरोपी को पनवेल थाने की पुलिस ने गिरफ्तार किया था। इसके बाद पूजा ने कथित तौर पर पुलिस उपायुक्त विवेक पानसरे को फोन किया और उनसे गिरफ्तार आरोपी ईश्वर उत्तरवाडे को रिहा करने के लिए कहा। इतना ही नहीं पूजा खेडकर ने आरोपी को निर्दोष भी बताया। दरअसल पूजा ने फोन पर पानसरे को अपनी पहचान बताई, लेकिन पानसरे ने उस पर विश्वास नहीं किया। आरोपी उत्तरवाडे अभी भी न्यायिक हिरासत में हैं। पूजा खेडकर का मामला जब चर्चा में आया तब डीसीपी विवेक पानसरे पूजा खेडकर का फोन कॉल याद आया। उन्होंने तुरंत पुणे के कलेक्टर और गृह विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों से संपर्क किया और इसकी जानकारी दी। उस अधिकारी की सलाह पर पानसरे ने कथित फोन कॉल को लेकर दो पन्नों की रिपोर्ट मुख्य सचिव सुजाता सौनिक को भेजी है। सौनिक के पास वर्तमान में गृह विभाग का अतिरिक्त प्रभार है।