बैठक में सलाह: जिला नियोजन समिति की निधि आवंटन में भेदभाव के खिलाफ अदालत का दरवाजा खटखटाएं
- उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री चंद्रकांत पाटिल की बैठक
- निधि आवंटन में भेदभाव के खिलाफ अदालत का दरवाजा खटखटाएं
- जिला नियोजन समिति की निधि को लेकर बैठक में सलाह
डिजिटल डेस्क, पुणे। जिला योजना समिति (डीपीसी) के निधि आवंटन में भेदभाव को लेकर भाजपा- शिवसेना शिंदे समूह के कार्यकर्ता अब और अधिक आक्रामक हो गए हैं। भाजपा पदाधिकारियों और जिला योजना समिति के सदस्यों के साथ बीती रात उच्च और तकनीकी शिक्षा मंत्री और पुणे के तत्कालीन पालकमंत्री चंद्रकांत पाटिल ने एक अलग बैठक की। इस मौके पर उन्होंने उपमुख्यमंत्री अजित पवार के खिलाफ कड़ा गुस्सा जाहिर किया। इतना ही नहीं, सदस्यों ने यह भी शिकायत की कि धन आवंटन में उनके साथ सौतेलेपन का व्यवहार किया जा रहा है। बैठक में जाने से पहले चंद्रकांत पाटिल ने भले ही इस संबंध में मीडिया से बात करने से परहेज किया है, लेकिन उन्होंने अजित पवार के खिलाफ मोर्चा संभाल लिया है। इतना ही नहीं, सदस्यों ने यह भी कहा कि उन्होंने आक्रामक सदस्यों को जरुरत पड़ने पर कोर्ट जाने के लिए तैयार रहने की सलाह दी।
उपमुख्यमंत्री अजीत पवार के पुणे जिले के पालकमंत्री पद की कमान संभालने के बाद से पुणे में अजीत गुट और भाजपा- शिंदे गुट के संघर्ष का नया अध्याय शुरू हो गया है। जिला योजना समिति द्वारा निधि आवंटन को लेकर भाजपा और शिंदे गुट के कार्यकर्ता और आक्रामक हो गये। अजीत पवार ने 19 मई को चंद्रकांत पाटिल की अध्यक्षता वाली जिला योजना समिति को स्वीकृत योजना और उसके कार्यों में बदलाव करते हुए धन वितरित किया। इसमें 1,056 करोड़ रुपये के सामान्य फंड का 65 प्रतिशत विधायकों को, 10 प्रतिशत सांसदों को और केवल 10 प्रतिशत भाजपा और शिंदे समूह के पदाधिकारियों को देने की योजना थी।मावल में एक कार्यक्रम में उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़णवीस आये थे, तब जिला योजना समिति के सदस्यों ने उनसे मुलाकात की। अजित पवार द्वारा उन्हें निधि आवंटन में की गई गड़बड़ियों के बारे में भी बताया। इसके बाद तत्कालीन पालकमंत्री चंद्रकांत पाटिल ने सर्किट हाउस में पदाधिकारियों के साथ एक बैठक की।
भाजपा और शिंदे गुट के सदस्यों का काम रद्द करने की अजित पवार की कार्रवाई पर दोनों पार्टियों ने आपत्ति जताई है और कोर्ट में अपील करने की चेतावनी दी है। बैठक में उन्होंने अजित पवार की कार्यप्रणाली पर नाराजगी जताई और 19 मई को हुई बैठक की कार्यवाही सात महीने हो जाने के बावजूद हमें नहीं मिली है। योजना समिति की बैठक नहीं होने पर भी कार्यों को मंजूरी दी जा रही है। भाजपा सदस्यों ने अजित पवार पर आरोप लगाया कि यह एक तरह की मनमानी है। इतना ही नहीं, भाजपा सदस्यों ने जिलाधिकारी डॉ. राजेश देशमुख की कार्यप्रणाली पर भी कड़ी आपत्ति जताई और कहा कि वे समग्र रूप से जिला योजना समिति की कार्यप्रणाली के खिलाफ अदालत जाएंगे। इस बैठक में शामिल होने से पहले मंत्री चंद्रकांत पाटिल से मीडिया प्रतिनिधियों ने इस बारे में सवाल पूछा तो जवाब में उन्होंने हाथ जोड़ लिए। हालांकि बैठक में उन्होंने आक्रामक सदस्यों को संघर्ष करने और जरूरत पड़ने पर अदालत का दरवाजा खटखटाने की सलाह भी दी