बढ़ा प्रदूषण का ग्राफ: पटाखों से बिगड़ी पुणे और पिंपरी चिंचवड़ की आबोहवा
- सफर द्वारा जारी आंकड़े
- पुणे में वायु प्रदूषण सूचकांक 290
- पिंपरी चिंचवड़ के भोसरी में सबसे बुरे हालात
डिजिटल डेस्क, पुणे। हाल के दिनों में प्रदूषण के कारण वायु गुणवत्ता बड़ा मुद्दा बन गई है। वायु गुणवत्ता सूचकांक डेटा से पता चला है कि पिछले कुछ दिनों में यहां हवा की गुणवत्ता मुंबई की तरह खराब हो गई है। इसलिए चिकित्सा विशेषज्ञों ने स्वास्थ्य का ध्यान रखने का आह्वान किया है। इसके अलाव, वायु प्रदूषण को रोकने के लिए पिंपरी चिंचवड़ और पुणे नगर निगम द्वारा दिशानिर्देश भी जारी किए गए थे। हालांकि इसके बावजूद दिवाली पर पटाखों की जमकर हुई आतिशबाजी से पुणे की हवा बिगड़ गई है। नरक चतुर्दशी और लक्ष्मी पूजन के बाद जमकर पटाखे फोड़े जाने से पुणे और पिंपरी चिंचवड़ इलाके की हवा खराब हो गई है। पुणे और पिंपरी चिंचवड़ इलाकों में मुख्य रूप से शिवाजीनगर, पाषाण, लोहगांव, कोथरुड, भूमकर चौक, भोसरी, निगडी, आलंदी में हवा की गुणवत्ता काफी हद तक खराब हो गई है।
सफर (सिस्टीम ऑफ एअर क्वालिटी एंड वेदर फॉरकास्टींग एंड रिसर्च, भारत सरकार) के वायु गुणवत्ता सूचकांक के अनुसार, पुणे की हवा 'अत्यधिक' ख़राब श्रेणी में है। सफर द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार पुणे व पिंपरी चिंचवड़ परिसराचा एक्यूआय (एअर क्वालीटी इंडेक्स) 290 रहा जो हवा गुणवत्ता निर्देशांक की श्रेणीनुसार खराब माना जाता है। हवा में पीएम यानी अतिसूक्ष्म धुलीकण की घनता 2.5 है।सर्वाधिक खतरनाक परिश्थिति पिंपरी चिंचवड़ के भोसरी परिसर की है जहाँ का एक्यूआय सबसे ज्यादा खतरनाक 394 आँका गया है। इस स्तर पर वायु की गुणवत्ता घातक हो सकती है। प्रदूषण की यह सारी बढ़ोतरी रविवार (12 तारीख) को एक ही दिन में दोगुनी हो गई है। दिल्ली इस समय देश का सबसे प्रदूषित राज्य है। पुणे में मुंबई और अहमदाबाद से भी ज्यादा प्रदूषण है, यह चिंता की बात है।
सर्दी का मौसम होने के कारण हवा में धूल के कणों का घनत्व बढ़ जाता है, इससे प्रदूषण और बढ़ रहा है। पुणे, पिंपरी चिंचवड़ और इसके आसपास के इलाकों में हवा की गुणवत्ता दिन-ब-दिन खराब होती जा रही है। दिवाली के मौके पर चलाए गए पटाखों और निर्माण कार्य से निकलने वाली धूल से इसमें इजाफा हो रहा है। पुणे का एक्यूआई 290 है, डॉक्टरों के अनुसार इसका असर बुजुर्गों, बच्चों और श्वसन संबंधी विकारों वाले लोगों पर पड़ने की संभावना है। पिछले साल पुणे और उसके आसपास के इलाकों में हवा की गुणवत्ता संतोषजनक यानी 50 से 150 के बीच दर्ज की गई थी. सफर द्वारा घोषित आंकड़ों के मुताबिक, यह इस साल दोगुनी हो गई है।
चिकित्सा विशेषज्ञों और प्रशासन की अपीलों और दिशानिर्देशों को ताक पर रखकर दिवाली में जमकर आतिशबाजी की गई। यहां तक कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा पटाखों की आतिशबाजी के तय शाम 7 से रात 10 बजे तक समयसीमा तय थी। रविवार को नरक चतुर्दशी होने के कारण सुबह से ही आतिशबाजी शुरू हो गयी। पूरे दिन शहर में जगह-जगह पटाखे फूटते रहे। शाम को लक्ष्मी पूजन के बाद जमकर आतिशबाजी की गयी। इसमें बम जैसी आवाज करने वाली आतिशबाजी, मालाएं और आसमान में फूटने वाली रोशनी वाली आतिशबाजी भी शामिल थी।