नाबालिग के साथ दुष्कर्म की घटना में आरोपी को बीस वर्ष का कठोर कारावास

Bhaskar Hindi
Update: 2023-06-27 09:10 GMT

डिजिटल डेस्क, पन्ना। नाबालिग के साथ दुष्कर्म के मामले में दोषी पाए गए अभियुक्त को २० वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई गई है न्यायालय विशेष न्यायाधीश इन्द्रजीत रघुवंशी के न्यायालय में अभियुक्त दीपक सिंह ठाकुर को पास्को एक्ट की धारा ५(एल)/६ के आरोप में २० वर्ष कठोर कारावास एवं ५००० रूपए के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया है। साथ ही आईपीसी की धारा ३६३ के आरोप में ०३ वर्ष के कठोर कारावास की सजा १००० रूपए के अर्थदण्ड एवं आईपीसी की धारा ३६६ के आरोप में ०५ वर्ष के कठोर की कारावास की सजा तथा २००० रूपए के अर्थदण्ड से दण्डित किए जाने का निर्णय आदेश पारित किया गया है। अभियोजन घटना अनुसार पीडि़ता नाबालिग के पिता द्वारा दिनांक १६ जून को धरमपुर थाना के खोरा चौकी रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी कि उसकी पुत्री दिनांक १३-१४ जुलाई की रात्रि को घर से लापता हो गई है जिसका कहीं पता नही चल रहा है। उसकी पुत्री आरोपी दीपक सिंह ठाकुर से मोबाइल से बातचीत करती थी उसे शक है कि उसकी नाबालिग पुत्री को बहला-फुसलाकर भगा ले गया है।

जिस पर पुलिस ने आईपीसी की धारा ३६३ के तहत प्रकरण पंजीबद्ध कर जांच विवेचना शुरू की गई। विवेचना के दौरान नाबालिग को दस्तयाब किया गया। नाबालिग तथा अन्य साक्षियों के कथनों के आधार पर प्रकरण में आरोपी के विरूद्ध आईपीसी की धारा ३६६, ३७६(२)(एन) तथा पास्को एक्ट की धारा ५/६ की वृद्धि कर विवेचना पूरी कर न्यायालय के समक्ष चालान प्रस्तुत किया गया। प्रकरण में अभियोजन पक्ष की ओर से जिला लोक अभियोजन अधिकारी संदीप कुमार पाण्डेय के मार्गदर्शन में विशेष लोक अभियोजक वरिष्ठ जिला लोक अभियोजन अधिकारी दिनेश खरे द्वारा साक्ष्यों को क्रमबद्ध तरीके से लेखबद्ध कराकर न्यायालय के समक्ष आरोपी के विरूद्ध अपराध को संदेह से परे प्रमाणित किया गया तथा कृत्य को गंभीरतम श्रेणी का मानते हुए कठोर से कठोतम दण्ड दिए जाने का आग्रह न्यायालय के समक्ष किया गया। घटना प्रकरण की सुनवाई पूरी करते हुए न्यायालय द्वारा आए साक्ष्यो में आरोपी के विरूद्ध लगे आरोपों को प्रमाणित पाते हुए दोषी पाया गया तथा सजा सुनाई गई।  

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