कोहरे की मार: सैकड़ों एकड़ में लगा टमाटर बर्बाद, किसानों को लाखों की चपत

Bhaskar Hindi
Update: 2023-12-08 10:15 GMT

डिजिटल डेस्क, छिंदवाड़ा। कोहरे का असर टमाटर की फसल पर पड़ रहा है। खुले खेतों में जिन किसानों की फसल खड़ी है। उसमें झूलसा रोग लग गया है। मोहखेड़, छिंदवाड़ा व परासिया विकासखंड में सैकड़ों एकड़ खेत में लगी टमाटर की फसल कोहरे की मार से बर्बाद हो चुकी है। हालात यह है कि जो टमाटर बचा हैं, उसे थोक मंडी में भी कोई नहीं पूछ रहा है। चिल्लर बाजार में भले ही टमाटर का 10 से 20 रुपए प्रति किलो भाव हैं, तो वहीं थोक मंडी में एक से डेढ़ रुपए बिक रहा हैं। गुरुवार को हालात यह थे कि थोक मंडी में टमाटर 40 रुपए कैरेट ही बिका। गाड़ी का भाड़ा तक नहीं निकल पा रहा हैं। अधिक लागत के बाद भाव नहीं मिलने और ऊपर से कोहरे की मार से झुलसी फसल के चलते टमाटर उत्पादक किसानों को लाखों का नुकसान हो रहा हैं। वे खेतों में रोटावेटर चलाने पर मजबूर हो गए है। यही हाल फूल गोभी का हैं 50 रुपए कट्टे से अधिक का भाव नहीं हैं।

झूलस गए टमाटर के खेत

जिले के मोहखेड़ निवासी किसान मिंटू साहू ने बताया कि उन्होंने ९ एकड़ में टमाटर लगाया है जिसके झुलस जाने से लगभग ६ से ७ लाख रूपए का नुकसान हो गया है, साथ ही लहसून की फसल भी पीली पड़ गई है। वहीं पालामऊ के किसान देवेन्द्र लोखंडे की डेढ़ एकड़ में लगी टमाटर की फसल पूरी तरह बर्बाद हो जाने से लाखों का नुकसान हुआ है। देवेन्द्र ने अब खेत की सफाई कर फर्रास लगाने का मन बना लिया है।

क्या कहते है किसान

तीन चार दिनों के कोहरे ने किसानों को लाखों की चपत लगा दी है। खेतों में खड़ी फसल पूरी तरह तबाह हो चुकी है। किसान विनय लोखंडे की दो एकड़, अंकित लोखंडे, दुर्गेश सोनारे, रामेश्वर लोखंडे व अनूप लोखंडे, दुर्गेश लोखंडे की एक-एक एकड़ में लगी टमाटर की फसल पूरी तरह झूलस गई है। किसान अब खेतों को खाली कर दूसरी फसल लगाने के लिए मशक्कत कर रहे है।

दूसरी फसलों को भी नुकसान

कोहरे की मार से टमाटर के साथ सरसों, अरहर, मटर व आलू की फसल भी प्रभावित होने की आशंका है। किसानों के चेहरे से रंगत गायब है। कोहरे के साथ आसमान में बीते चार पांच दिनों से बादलों की मौजूदगी ने नुकसान को और बढ़ा दिया है।

ढुलाई-भाड़ा निकालना मुश्किल

किसान वीरेन्द्र महाजन ने बताया कि खेतों से गोभी, टमाटर एवं भटे को तुड़वाकर मंडी तक किसान ला रहे है। लेकिन सब्जियों के दाम इतने कम हो गए है कि ढुलाई भाड़ा निकाल पाना मुश्किल हो गया है। आज टमाटर व गोभी एक रूपए किलो में बिका है, ऐसे में किसान क्या करें।

पाला व कोहरे से बचाए फसल

आंचलिक कृषि अनुसंधान केंद्र चंदनगांव के सहायक संचालक डॉ विजय पराडक़र ने किसानों को पाला व कोहरे से फसल बचाने के लिए हल्की सिंचाई करने की सलाह दी हैं। उन्होंने बताया कि सिंचाई से तापमान में दो डिग्री तक बढ़ जाता है। अधिक कोहरा होने पर खेत में धुआं करके भी फसल को बचाया जा सकता है। इससे तापमान जमाव बिन्दु तक नहीं गिर पाता और फसल पाले से होने वाली हानि से बच जाती है।

इनका कहना है...

जिले के साथ देश भर मेें मौसम खराब होने के कारण स्थानीय सब्जियां बाहर नहीं भेजी जा रही है। जिसके चलते भाव में भारी गिरावट आई है। आगामी 15 दिनों तक ऐसी ही स्थिति रहने की संभावना है। जिले में बारिश व कोहरे से सब्जियों को हुए नुकसान के चलते आगामी दिनों में दामों में उछाल आ सकता है।

कमलेश सदारंग, थोक सब्जी मंडी व्यापारी संघ अध्यक्ष

Tags:    

Similar News