कलेही मंदिर में चोरी करने वाले आरोपी को तीन वर्ष का सश्रम कारावास
डिजिटल डेस्क, पन्ना। पन्ना जिले के पवई स्थित प्रसिद्ध देवी माता कलेहन मंदिर के अंदर घुसकर दानपेटी का ताला तोडक़र चढ़ोत्री की रकम चोरी की वारदात में दोषी पाए गए अभियुक्त मनीष कुशवाहा को न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी पवई न्यायालय में सजा सुनाई गई। अभियुक्त को आईपीसी की धारा ४५७ के आरोप में ०३ वर्ष का सश्रम कारावास एवं ३००० रूपए के अर्थदण्ड तथा आईपीसी की धारा ३८० के आरोप में ०२ वर्ष के सश्रम कारावास एवं २००० रूपए के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया है। अभियोजन घटना अनुसार मंदिर के पुजारी हरिकेश बढोैलिया द्वारा दिनांक ३१ जनवरी २०२२ को रात्रि में ०८ बजे माता की शयन आरती होने के उपरांत मंदिर एवं चेनल गेट का रात्रि में लगभग ०८:३० बजे ताला लगाकर मंदिर को बंद कर अपने पवई स्थित घर चले गए अगले दिन दिनांक ०१ फरवरी २०२२ को सुबह ०६ बजे वह मंदिर पहँुचे ओैर चेनल में लगा ताला खोलते हुए अंदर पहँुचे तो परिक्रमा गेट के दोनो ताले कटे मिले। मुख्य मंदिर में झांक कर देखा तो गर्भ गृह में रखी दानपेटी के भी दोनो ताले कटे दिखे। मंदिर में अज्ञात चोर घुसने और दानपेटी में चढ़ोत्री की राशि की चोरी होने की सूचना पुलिस को दी गई।
बताया गया कि मंदिर के प्रशासक तहसीदार पवई द्वारा दिसम्बर के आखिरी सप्ताह में दानपेटी खुलवाकर चढ़ोत्री की राशि मंदिर खाते में जमा करवाई थी इसके बाद से दानपेटी में जो चढ़ोत्री की राशि चढ़ाई गई उसे अज्ञात चोर द्वारा चोरी कर ली गई है। पुलिस द्वारा घटना पर अज्ञात के विरूद्ध प्रकरण पंजीबद्ध कर विवेचना प्रारंभ की गई। विवेचना घटना स्थल का मौका नक्शा बना गया फरियादी एवं साक्षियो को सीसीटीव्ही रिकॉर्डिग दिखाये जाने पर उनके द्वारा पूर्व में ही चोरी में पकड़े गए आरोपी मनीष कुशवाहा निवासी चिरौल्हा निवाीस सिरमोर के चलने के तरीके एवं शरीर की बनावट देखकर पहचान की गई जो कि आरोपी मनीष कुशवाहा के अन्य अपराध में उपजेल पवई में निरूद्ध होने पर पुलिस प्रोडक्शन वारंट से तलब कर औपचारिक गिरफ्तारी करते हुए पॅँूछताछ की गई जिसके द्वारा अपराध को स्वीकार किया गया प्रकरण में आरोपी के विरूद्ध विवेचना पूरी कर कोर्ट में पुलिस द्वारा अभियोग पत्र दाखिल किया गया। संबधित मामले में न्यायालय द्वारा अभियोजन पक्ष की ओर से प्रस्तुत साक्ष्यो को बिन्दुवार सुना गया। प्रकरण की सुनवाई पूरी करते हुए न्यायालय द्वारा आरोपी के विरूद्ध लगे आरोपो को प्रमाणित पाते हुए दोषी ठहराया गया तथा सजा सुनाई गई।