दरवाजे में दलदल, ढाई माह से बच्चों को नहीं मिला आंगनबाडी केन्द्रों में भोजन
डिजिटल डेस्क, पन्ना। शासन द्वारा बच्चों को कुपोषण से बचाया जा सके इसके लिए आंगनबाडी केन्द्रों के माध्यम से ० से ३ साल के बच्चों के लिए टेक होम राशन वितरित किया जाता है। इसके साथ ही तीन से छ: वर्ष की आयु के बच्चों के लिए सांझा चूल्हा कार्यक्रम के अंतर्गत आंगनबाडी केन्द्रों में बच्चों को पके हुए आहार के रूप में नाश्ते तथा भोजन प्रदाय किए जाने की व्यवस्था की गई है। ग्रामीण क्षेत्रों में आंगनबाडी केन्द्रों में बच्चों को पका हुआ भोजन और नाश्ता निर्धारित मीनू के अनुसार प्रदाय करने के लिए सांझा चूल्हा कार्यक्रम के अंतर्गत स्वसहायता समूहों को जिम्मेदारी सौंपी गई है किंतु सांझा चूल्हा कार्यक्रम के तहत बच्चों को जो भोजन एवं नाश्ता नियमित रूप से दिया जाना चाहिए उसको लेकर विभागीय अमले द्वारा नियमित रूप से मानीटरिंग नहीं किए जाने से गई गुजरी स्थिति है। स्कूलों का अवकाश होने के साथ ही ज्यादातर आंगनबाडी केन्द्रों में बच्चों को जो नाश्ता और भोजन नियमित रूप से मिलना चाहिए वह नहीं मिल रहा है। जिले के पन्ना विकासखण्ड अंतर्गत देवेन्द्रनगर तहसील क्षेत्र में आंगनबाडी केन्द्रों में इस तरह के ही हालात देखने मिले। देवेन्द्रनगर मुख्यालय से करीब ०६ किमी दूर स्थित ग्राम पंचायत रैगढ स्थित आंगनबाडी केन्द्र इटवां मंहगू केन्द्र के हालातों की आंखे देखी तस्वीर आंगनबाडी केन्द्रों की बदहाल व्यवस्था को उजागर करने के रूप में सामने आई है।
आज दिनांक ३० जून को इस आंगनबाडी केन्द्र में पहुंचकर देखा गया तो पुराने जर्जर हो चुके एक कक्ष में आंगनबाडी केन्द्र खुला मिला। जिसमें आंगनबाडी कार्यकर्ता श्रीमती मटकुन्द बागरी और सहायिका कलावती रैकवार मौजूद थीं। आंगनबाडी केन्द्र के दरवाजे में दाखिल होने का पूरा रास्ता दलदल में तब्दील हो चुका था जहां से आंगनबाडी केन्द्र के अंदर पहुंचना मासूम बच्चों के लिए जोखिम भरा हुआ है। आंगनबाडी केन्द्र की कार्यकर्ता से जब बच्चों को दिए जाने वाले नाश्ते एवं भोजन के संबध में जानकारी चाही गई तो उन्होंने कहा कि जब १५ मार्च तक स्कूल खुले थे तब तक सांझा चूल्हा कार्यक्रम के अंतर्गत स्कूल के साथ ही आंगनबाडी केन्द्र के बच्चों को समूह द्वारा भोजन दिया जा रहा था। स्कूल बंद हो जाने के साथ ही आंगनबाडी केन्द्र के बच्चों को दिए जाने वाला भोजन भी समूह द्वारा बंद कर दिया है।
आंगनबाडी केन्द्र की कार्यकर्ता से जब यह पूंछा गया कि आंगनबाडी केन्द्र में गर्मियों में भी स्कूलों में अवकाश होने के बाद भी बच्चों को भोजन दिया जाता है तो इसको लेकर आंगनबाडी कार्यकर्ता अनभिज्ञ नजर आई और उन्होंने बताया कि पूर्व के वर्षों में भी स्कूल बंद हो जाने के बाद आंगनबाडी के बच्चों को भोजन नहीं मिलता। उनकी पंचायत क्षेत्र के तथा आसपास के आंगनबाडी केन्द्रों को लेकर उन्हें जो जानकारी है वहां भी यही स्थिति है। आंगनबाडी कार्यकर्ता ने बताया कि आंगनबाडी केन्द्र में बच्चों को समूह द्वारा भोजन नहीं दिए जाने की जानकारी उनके सेक्टर की सुपरवाईजर को भी दी गई है।
इनका कहना है
स्कूलों का अवकाश हो जाने के बाद भी आंगनबाडी केन्द्रों में बच्चों को सांझा चूल्हा कार्यक्रम के अंतर्गत बच्चों को नियमित रूप से पोषण आहार के रूप में भोजन तथा नाश्ता दिए जाने की व्यवस्था है इसको लेकर आंगनबाडी केन्द्र इटवां मंहगू में बच्चों को पोषण आहार वितरित नहीं होने की जो जानकारी है उसको लेकर सीडीपीओ को जांच के लिए निर्देश दिए गए हैं और प्रतिवेदन मंगाया गया है उस पर कार्यवाही की जायेगी।