Panna News: २८ वर्ष बाद मजदूरी कर परिवार वापिस लौटा तो पता चला कि उसकी जमीन पर बन गया स्टाप डेम
- २८ वर्ष बाद मजदूरी कर परिवार वापिस लौटा तो पता चला कि उसकी जमीन पर बन गया स्टाप डेम
- अधिकािरयों से लेकर मुख्यमंत्री तक किसान लगा रहा है गुहार न जमीन मिली न मुआवजा
Panna News: परिवार सहित किसान मजदूरी के लिए ग्रेटर नोएडा चला गया वहां पर २८ वर्ष लगातार रहने के बाद अपने घर वापिस आया तो पता चला कि उसके पास जो एक हेक्टेयर के करीब जमीन थी उसके बीचोंबीच जल संसाधन विभाग ने स्टापडेम का निर्माण कर दिया। यह मामला अजयगढ तहसील अंतर्गत ग्राम भानपुर का है जहां पर माता प्रसाद यादव की पत्नि श्रीमती रामकुंवर यादव के नाम आराजी नंबर ६४३ रकवा १.०२ हेक्टेयर भूमि में स्टापडेम का निर्माण हो गया। तहसीलदार, एसडीएम व कलेक्टर को नोएडा से वापिस ओन के बाद आवेदन पत्र दिये गये लेकिन कोई संतोषजनक कार्यवाही न होने के कारण किसान के द्वारा मुख्यमंत्री को भी शिकायत भेजकर जमीन के बदले बगल में पडी आराजी नंबर ६४२ जो शासकीय भूमि है उसको दिए जाने या उसकी जमीन का मुआवजा राशि मुख्यमंत्री कार्यालय से कलेक्टर पन्ना को जांच के निर्देश दिए गए। कलेक्टर के द्वारा कार्यपालन यंत्री जल संसाधन विभाग को इस संबध में जांच करने के लिए कहा गया।
जिस पर विभाग ने जांच करवाई व अपने पत्र क्रमांक २००६ दिनांक २१ अक्टूबर २०२४ को अपने प्रतिवेदन में जानकारी दी कि अजयगढ स्थित ग्राम भानपुर में आवेदिका की भूमि खसरा क्रमांक ६४३ के रकवा का तहसीलदार अजयगढ द्वारा तथा प्रभारी उपयंत्री से प्राप्त प्रतिवेदन के आधार पर राजस्व अमले द्वारा सीमांकन कार्य किया गया। जिसमें यादव खेडा के किनारे स्थित नाले से केन नदीं में पानी मिलने के पूर्व दस मीटर लंबाई का भूमि के अंश भाग में प्रतिवेदन अनुसार लगभग तीस वर्ष पहले स्टापडैम बना हुआ है। कार्यपालन यंत्री द्वारा शिकायत को निराधार बताते हुए उसको नस्तीबद्ध किया जाना उचित प्रतीत बतलाया है।
राजस्व निरीक्षक के सीमांकन मेंं किसान की जमीन पर स्टॉप डैम बनना पाया गया
किसान माता प्रसाद यादव द्वारा लगातार शिकायत करने के बाद २१ जून २०२४ को संबधित राजस्व निरीक्षक द्वारा पंचों की मौजूदगी में सीमांकन किया गया। जिसमें भी पाया गया कि जो भानपुर ग्राम निवासी रामकुंवर यादव के नाम आराजी नंबर ६४३ है के अंश भाग में सिंचाई विभाग का स्टॉप डैम बना पाया गया है। राजस्व निरीक्षक के द्वारा अपने प्रतिवेदन में भी उल्लेख किया गया है वहीं दूसरी तरफ कार्यपालन यंत्री द्वारा जो मुख्यमंत्री के निर्देश पर कलेक्टर द्वारा जांच करवाई गई उस प्रतिवेदन में तहसीलदार व अपने प्रभारी उपयंत्री के द्वारा प्राप्त प्रतिवेदन के अनुसार शिकायत को निराधार बतलाया जा रहा है। अब इसमें निष्पक्ष जांच की आवश्यकता है ताकि गरीब को न्याय मिल सके। किसान का कहना है कि उसके पास इस जमीन के अलावा और कोई कृषि भूमि नहीं कि वह अपने परिवार का भरण-पोषण कर सके। अभी तीन दिन पहले किसान माता प्रसाद यादव ने कलेक्टर को पुन: एक आवेदन पत्र दिया है जिस पर रिकार्ड तलब के निर्देश दिए गए हैं।
इनका कहना है
किसान के द्वारा आवेदन पत्र जो दिया गया है उसमें सिंचाई विभाग से रिकार्ड मंगाया गया है।
धनीराम अहिवार, तहसीलदार अजयगढ