Panna News: मझगांय बांध सिंचाई परियोजना की सर्वे सूची में बाहरी लोगों के नाम जोड़ने का आरोप, मुआवजा राशि के बंदरबांट का प्रयास
- मझगांय बांध सिंचाई परियोजना की सर्वे सूची में
- बाहरी लोगों के नाम जोड़ने का आरोप
- मुआवजा राशि के बंदरबांट का प्रयास
Panna News: मध्यम सिंचाई परियोजना मझगांय बांध अंतर्गत अधिग्रहित ग्राम कुंवरपुर की आबादी भूमि पर स्थित मकानों की सर्वे सूची में बाहरी लोगों के नाम जोडे कर मुआवजा राशि बंदरबांट करने के प्रयास का मामला सामने आया है। राजेन्द्र तिवारी पिता स्वर्गीय सुदामा प्रसाद तिवारी निवासी ग्राम पिष्टा ने अजयगढ के प्रभारी एसडीएम को शिकायती आवेदन सौंपकर बाहरी लोगों के नाम सर्वे सूची से हटाकर स्थानीय पात्र व्यक्तियों को उचित मुआवजा दिलाने की मांग उठाई है। आवेदन के माध्यम से बताया गया कि मध्यम सिंचाई परियोजना मझगांय बांध में अधिग्रहित ग्राम कुंवरपुर की आबादी भूमि पर स्थित मकानों की सर्वे सूची क्रमांक १४६ रामदेव द्विवेदी, आशीष, अनिल पिता रामदेव द्विवेदी निवासी कुंवरपुर, सर्वे सूची क्रमांक 152 अशोक कुमार पिता किशोरीलाल द्विवेदी निवासी कुँवरपुर, भारती शरण पिता कैलाश द्विवेदी निवासी ग्राम फरस्वाहा तहसील अजयगढ, महाप्रसाद पिता सुदर्शन तिवारी ग्राम पनगरा तहसील नरैनी जिला बाँदा उत्तरप्रदेश के नाम अंकित है। इसी प्रकार सर्वे सूची क्रमांक 152 में उल्लेखित हितग्राही भारती शरण पिता कैलाश द्विवेदी ग्राम फरस्वाहा के निवासी है तथा महाप्रसाद पिता सुदर्शन तिवारी ग्राम पनगरा के निवासी हैं। उक्त दोनों लोग बाहरी हैं जो ग्राम कुँवरपुर की आबादी भूमि में स्थित मकानों की मुआवजा राशि प्राप्त करने के हकदार नहीं है।
पात्रों को कम और अपात्रों को अधिक मुआवजा
बताया गया है कि सभी ग्रामवासियों के कच्चे मकानों का मुआवजा 2900 रूपये प्रति मीटर के हिसाब से बनाया गया है जबकि मुआवजा सूची क्रमांक 146 व 152 के बाहरी लोगों का मुआवजा 3300 रूपये प्रति मीटर के हिसाब से बनाया है। कच्ची अटारी का इन दोनों को 6500 रूपये प्रति मीटर पक्की छत का मुल्यांकन कर मुआवजा बनाया गया है। इस प्रकार बाहरी व अपात्र लोगों को लाभ पहुंचाने के लिए स्थानीय पात्र व्यक्तियों के साथ अन्याय करते हुए शासन की राशि का दुरूपयोग किया जा रहा है। आवेदक के द्वारा सर्वे सूची से बाहरी लोगों के नाम हटाकर स्थानीय पात्र व्यक्तियों को नियम अनुसार समान मुआवजा राशि प्रदान करने की मांग की गई है।