श्रेयांशगिरी में गणाचार्य विराग सागर ससंघ चार्तुमास हेतु 3 जुलाई को कलश स्थापना
डिजिटल डेस्क, देवेन्द्रनगर नि.प्र.। पन्ना जिले में सलेहा के पास जैन समाज का अतिशय क्षेत्र श्रेयांशगिरी है जहाँ आदिनाथ भगवान बडे बाबा की चमत्कारी प्रतिमा है। जहाँ दूर-दूर से जैन समाज के श्रद्धालु आते है यह ग्राम नचने कहलाता है। जो चाणक्य की जन्म भूमि कहलाती है। इस अतिशय क्षेत्र श्रेयांशगिरी में राष्ट्रीय संत गणाचार्य श्री विराग सागर महामुनिराज ससंघ चातुर्मास हो रहा है। यहाँ 30 पिच्छियां है। मुनि श्री विहित सागर मुनि, श्री विवर्धन सागर, मुनि श्री विश्ववीर सागर, मुनि श्री विश्वाक्षर सागर, मुनि श्री विकौशल सागर, मुनि श्री विश्वभद्र सागर, मुनि श्री विनियोग सागर, मुनिश्री विसौम्य सागर, मुनि श्री विवक्षित सागर, आर्यिका विमोचना, श्रीमाताजी आर्यिका विकुन्दन श्रीमाता जी, क्षुल्लक श्री विक्षोम सागर, श्री विश्वोत्तीर्ण सागर, श्री विश्वतीर्ण सागर व गर्णिय आर्यिका विशिष्ट श्री माताजी ससंघ भी विराजमान हैं। सभी संतों का 3 जुलाई 2023 को अतिक्षेत्र श्रेयांशगिरी में चार्तुमास की कलश स्थापना है। जहाँ पन्ना व सतना के अलावा भारत के कई प्रदेशों से जैन समाज के लोग पहुंचेगे।