प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र डिलेवरी प्वाइंट से चार बजे से ही नदारद हो जाते है कर्मचारी
डिजिटल डेस्क, पहाडीखेरा नि.प्र.। जच्चा-बच्चा स्वस्थ्य हो इसके लिए सरकार द्वारा संस्थागत प्रसव पर जोर दिया जा रहा है जिसके लिए पहाड़ीखेरा ग्राम स्थित उपस्वास्थ्य केेन्द्र को उपस्वास्थ्य केन्द्र के साथ ही डिलेवरी प्वाइंट बनाया गया है। जिस पर पहाडीखेरा क्षेत्र की अंतर्गत करीब डेढ़ दर्जन ग्रामों की प्रसूता महिलायें स्वास्थ्य जांच उपचार के साथ प्रसव के कार्य को लेकर निर्भर है। शासन द्वारा उपस्वास्थ्य केन्द्र पहाडीखेरा में दो एएनएम महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ताओ के साथ ही एक सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी की पद स्थापना पहाडीखेरा उपस्वास्थ्य केन्द्र डिलेवरी प्वाइंट में की गई है। स्वास्थ्य प्रशासन के निर्देश पर डिलेवरी प्वाइंटो में २४ घंटे प्रसूता महिलाओं को प्रसव की सेवा मिलनी चाहिए परंतु उपस्वास्थ्य केन्द्र पहाडीखेरा में स्थापित डिलेवरी प्वाइंट की स्थिति यह है कि उपस्वास्थ्य केन्द्र २४ घंटे की जगह मात्र ०६ घंटे सुबह १० बजे से शाम ०४ बजे तक ही संचालित हो रहा है। काम करने वाली तीनों महिला स्वास्थ्य कर्मचारी कस्बा मुख्यालय में निवास नहीं करते और शाम ०४ बजे के बाद उपस्वास्थ्य केन्द्र डिलेवरी प्वाइंट का ताला बंद कर सभी अपने-अपने घरों के लिए चले जाते हैं।
जिसके चलते प्रसूता महिलाओं की हालत बिगडऩे पर डिलेवरी प्वाइंट के रूप में पहाडीखेरा के उपस्वास्थ्य केन्द्र में जो व्यवस्था की गई है पूरी तरह से १८ घंटे तक के लिए बंद रहती है ऐसे में प्रसूता महिलाओं को परेशानी उठानी पड रही है। वर्तमान समय में पहाडीखेरा से पन्ना तक जिसकी दूरी लगभग ४० किमी दूरी है सडक़ का निर्माण कार्य चल रहा है ओैर इस बीच बारिश भी हो रही है जिसके चलते पूरे सडक़ मार्ग जोखिम भरा हो गया हेै। हालत यह है कि वाहन चलाना भी मुश्किल है और जगह-जगह जाम भी इसके चलते जब वाहन फंस जाते है तो लग जाता है ऐसी स्थिति में प्रसूता महिलाओं को जोखिम भरे रास्ते से पहाडीखेरा से पन्ना तक ले जाना उनके लिए न केवल जोखिम भरा है बल्कि उनकी जान के साथ खिलवाड़ करना है। एक ओर जब प्रशासन स्वास्थ्य विभाग जच्चा-बच्चा की सुरक्षा को लेकर बडे-बडे दावे कर रहा है वहीं दूसरी ओर पहाडीखेरा में डिलेवरी प्वाइंट की बदहाल व्यवस्था जिम्मेदारो की देखरेख और निगरानी व्यवस्था पर बडा सवाल है।
रविवार को छुट्टी मनाते है कर्मचारी
जहां सोमवार से लेकर शनिवार तक उपस्वास्थ्य केन्द्र पहाडीखेरा डिलेवरी प्वाइंट में प्रसव से संबंधित सेवायें २४ घंटे के स्थान पर मात्र ०६ घंटे ही उपस्थित रह कर कर्मचारी दे रहे है। वहीं रविवार के दिन उपस्वास्थ्य केन्द्र डिलेवरी प्वाइंट खुलता ही नहीं हैं। पदस्थ कर्मचारी इस दिन छुट्टी की पंरपरा के मोह में फंस कर अपने आप ही छुट्टी मना लेते है। जिसके चलते रविवार को प्रसूता महिला की परेशानियों और अधिक बढ़ जाती है।
ग्रामवासियों में नाराजगी, मनमानी पर कार्यवाही की मांग
पहाडीखेरा के उपस्वास्थ्य केन्द्र में स्थापित डिलेवरी प्वाइंट में २४ घंटे की जगह मात्र ०६ घंटे ही प्रसूता महिलाओ को कर्मचारियो की सेवाओ को मिलने को लेकर लोगों की नाराजगी सामने आ रही हैं। आज पहाडीखेरा के प्रतिष्ठित नगारिकों, सरपंच प्रतिनिधि रामशिरोमणी मिश्रा, पूर्व जनपद सदस्य कैलाश जडिय़ा, रामयश उरमलिया, प्रदीप जैन, राजेश सोनी, कल्ली गर्ग सहित अन्य ग्रामीण उपस्वास्थ्य केन्द्र पहाडीखेरा ११ बजे पहँुचे और उनके द्वारा उपस्वास्थ्य केन्द्र डिलेवरी प्वाइंट के बंद होने पर अपनी नाराजगी जाहिर की। जनप्रतिनिधियों और ग्रामीणों ने मांग की है कि उपस्वास्थ्य केन्द्र डिलेवरी प्वाइंट में पदस्थ स्वास्थ्य कर्मचारियो के संबध में यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि वह अपनी पदस्थापना मुख्यालय में ही निवास करें तथा शासन के व्यवस्था के अनुसार डिलेवरी प्वाइंट में सप्ताह के सातों दिन प्रतिदिन २४ घंटे डिलेवरी की व्यवस्था प्रसूताओं के लिए उपलब्ध हो।
इनका कहना है
उपस्वास्थ्य केन्द्र के कर्मचारियों को फोन लगाकर हिदायत देते हुए भविष्य में इस तरह की पुनरावृत्ति नहीं होने को लेकर चेतावनी दी गई है। अनुपस्थिति पर सभी का एक दिवस का वेतन भी काटा जायेगा और यदि भविष्य में उदासीनता बरती जाती है तो उनके विरूद्ध कठोर कार्यवाही की जायेगी।
डॉ. अभिषेक जैन
खण्ड चिकित्सा अधिकारी, देवेन्द्रनगर