पन्ना: शांति का प्रतीक है अर्हम ध्यान, नगर में प्रमम्य सागर का हुआ स्वागत

  • शांति का प्रतीक है अर्हम ध्यान, नगर में प्रमम्य सागर का हुआ स्वागत
  • बाजार में नगर के जैन धर्मावलंबियों ने उनका स्वागत किया

Bhaskar Hindi
Update: 2024-03-16 07:26 GMT

डिजिटल डेस्क, शाहनगर नि.प्र.। संत शिरोमणि आचार्य श्री विद्यासागर जी महराज के आज्ञानुवर्ती शिष्य अहर्म योग प्रणेता मुनि श्री प्रणम्य सागर महराज, क्षुल्लक अनुनय सागर, सविनय सागर एवं समन्वय सागर के साथ पन्ना से पवई मार्ग होते हुये शाहनगर पहुंचे। जहां मुख्य बाजार में नगर के जैन धर्मावलंबियों ने उनका स्वागत किया। ततपश्चात नगर की प्राचीन जैन धर्मशाला में मुनि श्री के द्वारा सभी को मंगल प्रवचन का धर्म लाभ दिया। कार्यक्रम की शुरूआत में मंगलाचरण नगर के प्रवीण जैन ने किया। मुनि श्री प्रणम्य सागर महराज ने अर्हम का अर्थ दयालुता बताया। आगे उन्होंने कहा कि अर्हम जैन धर्म में एक महत्वपूर्ण शब्द है यह सिद्ध अर्थात मुक्त आत्मा का प्रतीक है। मुनि संघ की अहारचर्या ऋषि जैन एवं विनोद जैन के यहां संपन्न हुई। पत्रकार जितेन्द्र दुबे के निवास पर मुनि संघ ने सामायिक संपन्न की। इसके बाद मुनिसंघ का कटनी के लिये बिहार हुआ। इस अवसर पर मुनि संघ के दर्शनार्थ दिल्ली, मुजफ्फरनगर, आगरा, जबलपुर, सागर, पन्ना, सतना, पवई व कटनी आदि अन्य स्थानों से श्रद्धालु बङी संख्या में उपस्थित हुए। 

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